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Kanpur Dead Body Case: रहस्य ही रह गई शव को 17 माह घर में रखने की वजह, अभी अनसुलझे हैं कई सवाल

कानपुर में डेढ़ साल तक घर में शव रखे रहने के बाद आयकर कर्मी विमलेश गौतम के अंतिम संस्कार के साथ ही खत्म हो गए कई साक्ष्य। पोस्टमार्टम हुआ न डीएनए जांच स्वजन के मानसिक स्वास्थ्य की जांच भी नहीं होगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 25 Sep 2022 08:55 AM (IST)
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कानपुर में डेढ़ साल घर में शव रखने का मामला।

कानपुर, जागरण संवाददाता। जीवित मानकर आयकर अधिकारी विमलेश गौतम का शव लगभग 17 माह तक घर पर रखने का मामला अब संभवत: रहस्य ही बनकर रह जाएगा।

परिवार के लोग उनको मृत मानने के लिए तैयार नहीं थे और पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम व डीएनए जांच के ही शव का अंतिम संस्कार करा दिया। साफ है कि कुछ सवालों के जवाब सामने नहीं आ सकेंगे।
शुक्रवार को चर्चा थी कि परिवार के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराई जाएगी, लेकिन शनिवार को डीएम ने ऐसी किसी भी संभावना से इन्कार कर दिया। 
सीएमओ ने भी मौत की रिपोर्ट आयकर विभाग को भेजने की बात कहकर आगे किसी भी जांच की बात से मना किया है। पुलिस ने जरूर तीन लोगों की एक टीम बनाई है जो मामले की पड़ताल करेगी। रहस्य से कितना पर्दा उठेगा यह भी एक सवाल ही है, क्योंकि शव के अंतिम संस्कार के बाद अब पूछताछ ही एक जरिया है। 
रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी निवासी 35 वर्षीय विमलेश गौतम आयकर विभाग में एओ के पद पर हैदराबाद में तैनात थे। 2019 में वह बीमार हुए और अवकाश लेकर घर आ गए थे। पत्नी मिताली की ओर से एक पत्र पिछले दिनों आयकर विभाग को गया था, जिसमें पति का स्वास्थ्य परीक्षण कराने की मांग की गई थी।
 इसी पत्र के आधार पर विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से स्वास्थ्य परीक्षण का अनुरोध किया था। शुक्रवार को जब स्वास्थ्य विभाग की टीम विमलेश के घर पहुंची तो पता चला कि उनके स्वजन उन्हें ¨जदा मानकर घर पर ही रखे हुए हैं। सीएमओ के अनुसार विमलेश की मौत 22 अप्रैल, 2021 की भोर चार बजे हुई थी।

घर में अक्सर होता था हवन, कहीं तंत्र मंत्र तो नहीं 

पड़ोसियों का कहना है कि अक्सर उनके घर हवन पूजन होता रहता था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि परिवार के लोग कहीं तंत्र-मंत्र के सहारे उन्हें ¨जदा करने की कवायद तो नहीं कर रहे थे। एक आशंका यह भी है कि शव से उठने वाली दुर्गंध रोकने के लिए तो नहीं हवन किया जाता था। स्वजन ने शुक्रवार को बताया था कि उन्होंने विमलेश पर किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं किया। गंदगी या दुर्गंध उठने पर वह गंगाजल से शरीर की सफाई कर देते थे।

यह हैं अनसुलझे सवाल

-आखिर डेढ़ साल तक शव को क्यों और कैसे सुरक्षित रखा।
-शव से दुर्गंध न आए, उसके लिए क्या इंतजाम किए गए।
-ऐसा करने के पीछे परिवार का आखिर क्या उद्देश्य था।
-इन 17 माह में परिवार ने विमलेश का वेतन लिया या नहीं।
-परिवार की ओर से संबंधित विभाग को क्या सूचना दी गई थी।
-आयकर विभाग ने पत्र भेजकर पूछा था कि विमलेश कुमार जीवित हैं या नहीं। उन्हें रिपोर्ट भेज दी गई है कि विमलेश की मौत हो चुकी है। पुराने मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी को मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। भर्ती न किए जाने को लेकर अस्पतालों को नोटिस किया गया है।-डा. आलोक रंजन, सीएमओ 
-मामले की जांच के लिए टीम बनाई गई है। अगर कोई आपराधिक जांच की मांग करता है तो उसे भी कराया जाएगा। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बात पर भी मंथन किया जाएगा कि कानून में मृत देह के अपमान पर क्या जुर्म बनता है।-आनंद प्रकाश तिवारी, संयुक्त पुलिस आयुक्त