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उपचुनाव में सहयोगी दलों को कितनी सीटें देगी BJP? पार्टी ने बना लिया मन; नहीं पूरी होगी RLD की इच्छा

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी अपने सहयोगी दलों को सिर्फ दो सीटें दे सकती है। रालोद को मीरापुर और निषाद पार्टी को मझवां सीट मिल सकती है। बाकी आठ सीटों पर बीजेपी खुद चुनाव लड़ेगी। हालांकि सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। रालोद उपचुनाव में भी मीरापुर व खैर दोनों सीटें चाहता है।

By Shobhit Srivastava Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 20 Sep 2024 07:24 PM (IST)
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जयंग चौधरी और सीएम योगी - फाइल फोटो ।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधानसभा की 10 रिक्त सीटों के उपचुनाव में एनडीए के सहयोगी दलों को केवल दो सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। भाजपा उपचुनाव में अपने सहयोगियों को केवल दो सीटें ही देने का मन बना चुकी है। इनमें एक सीट रालोद व एक सीट निषाद पार्टी को मिलने की उम्मीद है। शेष आठ सीटों पर भाजपा खुद किस्मत आजमाएगी। हालांकि, सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर केंद्रीय नेतृत्व लगाएगा।

प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों-मिल्कीपुर, कटेहरी, करहल, कुंदरकी, मीरापुर, खैर, मझवां, गाजियाबाद, फूलपुर व सीसामऊ में उपचुनाव होना हैं। इनमें पांच सीटें सपा व तीन भाजपा की थीं। एक सीट निषाद पार्टी व एक रालोद के पास थी।

रालोद ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ मिलकर इन 10 सीटों में से दो मीरापुर व खैर में लड़ा था और उसने मीरापुर सीट जीती थी। अब वह एनडीए गठबंधन में शामिल है। लोकसभा चुनाव में मीरापुर के विधायक चंदन चौहान बिजनौर सीट से सांसद बन चुके हैं।

रालोद क्या चाहती है? 

रालोद उपचुनाव में भी मीरापुर व खैर दोनों सीटें चाहता है। भाजपा उसे केवल मीरापुर सीट ही देने का मन बना चुकी है। एक सीट मिलने की स्थिति में रालोद मीरापुर के बजाय खैर सीट की मांग की है, लेकिन यह सीट भाजपा इसलिए नहीं देना चाहती है क्याेंकि उसने रालोद व सपा गठबंधन को विधानसभा चुनाव में 97,999 वोटों के बड़े अंतर से हराया था।

वहीं, निषाद पार्टी ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर इन 10 सीटों में से दो मझवां व कटेहरी में चुनाव लड़ा था और एक मझवां सीट जीती थी। यूं तो निषाद पार्टी उपचुनाव में भी इन दोनों सीटों की मांग कर रही है किंतु उसे भी एक सीट मझवां ही भाजपा दे सकती है।

मझवां सीट इसलिए भी मिलने की उम्मीद है क्योंकि यहां के विधायक डा. विनोद कुमार बिंद भदोही के भाजपा सांसद बन चुके हैं। ऐसे में निषाद पार्टी के कोटे की यह सीट उसे दी जाएगी। अयोध्या की मिल्कीपुर के साथ ही कटेहरी सीट की कमान खुद मुख्यमंत्री ने संंभाली हुई है, इसलिए कटेहरी सीट पर भाजपा खुद चुनाव लड़ेगी।

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