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Hanuman Janmotsav 2022: श्रृृद्धा भाव से मनाया जा रहा हनुमान जन्‍मोत्‍सव, मंदिरों में गूंजे जय श्रीराम के जयकारे

Hanuman Janmotsav 2022 बड़े धूमधाम से हनुमान जन्‍मोत्‍सव मानाया जा रहा है। मंदिरों में भक्‍तों की कतारें लग गई हैं। विभिन्‍न जगहों पर सुंदरकांड पाठ और भंंडारे का आयोजन किया जा रहा है। वहीं गोंडा के शारदा देवी मैरिज लान में जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 16 Apr 2022 11:28 AM (IST)
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Hanuman Janmotsav 2022 बड़े धूमधाम से हनुमान जन्‍मोत्‍सव मानाया जा रहा है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। शनिवार को लखनऊ समेत जिले भर में बड़े ही धूमधाम से हनुमान जन्‍मोत्‍सव मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में भक्‍तों की भीड़ जमा हो गई है। लोग अपनी अपनी श्रृद्धा से पवनपुत्र हनुमान का पूजन अर्चन कर रहे हैं। कहीं पदयात्रा निकाली जा रही है तो कहीं सुंदरकाण्‍ड और रामायण का पाठ किया जा रहा है। लखनऊ में हनुमान सेतु मंदिर में दाेेेेपहर 12 बजे विशेष आरती की जाएगी।   

लखनऊ : लखनऊ में सभी हनुमान मंदिरों में सुंदरकाण्‍ड और रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम एक दिन पहले ही शुरू हो गए हैं। मंदिरों में भक्‍तों की भीड़ जमा हो गई है। कोई भगवान हनुमान को चोला चढ़ा रहा है तो कोई उन्‍हें लाल सिंदूर अर्पित कर रहा है। वहीं मंदिरों में जय श्री राम व जय हनुमान के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। कई जगहों पर तो सुबह से भंडारा भी शुरू हो गया है। सभी भक्‍त प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।   

गोंडा : हनुमानगढ़ी में सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। हर कोई बजरंग बली की आराधना में लगा हुआ है। मालवीय नगर स्थित हनुमानगढ़ी में सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। श्रद्धालु बजरंग बली का पूजन करने के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। बड़गांव स्थित शारदा देवी मैरिज लान में जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसमें भजन गायक रोहित शर्मा, शिवा पंडित कार्यक्रम की प्रस्तुति करेंगे। मालवीयनगर स्थित पुरानी हनुमानगढ़ी में श्री मेंहदीपुर बालाजी परिवार के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

लखीमपुर : लखीमपुर से एक विराट के तनमई पदयात्रा का भी आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की भीड़ पैदल ही करीब 11 किलोमीटर दूर गुलरी पुरवा धाम में स्थापित बजरंगी के दर्शनों के लिए सुबह तड़के ही पैदल निकल पड़ी। नाचते गाते बजाते श्री हनुमान के भक्त पैदल प्रभु के दर्शन के लिए रवाना हुए। शहर के सुभाष पार्क से शुरू हुई विराट कीर्तनमयी पदयात्रा गुलरी पुरवा धाम में जाकर समाप्त हुई। पदयात्रा में बच्चे, बुजुर्ग,  महिलाएं,  लड़कियां,  लड़के, युवा सभी पूरे जोशो खरोश के साथ बजरंगबली के जयकारे लगाते हुए नजर आए।  डीजे पर नाचते गाते जा रहे हनुमत भक्तों को मचलते देख पूरा माहौल भक्ति रस से सराबोर हो गया।  

हरदोई : हनुमान जी के जन्मोत्सव को लेकर सुबह से मंदिरों में हनुमान भक्त पहुंचे लगे हैं। लखनऊ मार्ग स्थित बालाजी खेतुई धाम में भक्तों की भीड़ रही। चारों तरफ हनुमान चालीसा और हनुमान जी की स्तुति सुनाई जा रही है। सुबह से ही भंडारों का भी आयोजन होने लगा है।

क्‍यों मनाते हैं हनुमान जयंती : हनुमान सेतु मंदिर के आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि हनुमान जयंती साल में एक बार नहीं दो बार मनाई जाती है। यह सही बात है। रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था। तो दूसरा जन्मदिन चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। अब हम आपको इस खबर के जरिए इसकी कहानी बताने जा रहे हैं- 

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान हनुमान का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को हुआ था। उस दिन मंगलवार था, मेष लग्न और स्वाती नक्षत्र था। इसी तिथि का वर्णन गीताप्रेस गोरखपुर की व्रत-पर्वोत्सव किताब में भी मिलता है। तथ्यों के संबंध में वाल्मीकि रामायण को सबसे प्रमाणिक ग्रंथ माना गया है। इसलिए हनुमानजी की जन्म तिथि यही सटीक मालूम होती है।

चैत्र माह की पूर्णिमा पर हनुमान जयंती मनाने के पीछे एक कथा है। एक बार हनुमान जी ने सूर्य को गेंद समझकर निगल लिया था, उस समय इंद्र भगवान ने अपने वज्र से उन पर प्रहार किया, जो हनुमान जी की ठोड़ी में जाकर लगा। इस वजह से हनुमान जी अचेत हो गए थे। इससे क्रोधित होकर पवनदेव ने संसार की प्राण वायु रोक दी थी। बाद में हनुमानजी को होश आया तो देवताओं के आग्रह पर पवनदेव ने भी वायु प्रवाह का अवरोध खत्म कर दिया था। इसके बाद हनुमानजी को सभी देवताओं ने अनेक वरदान दिए। उस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा थी। इसी घटना की वजह से चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाने लगा।