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SBI की चारबाग शाखा के लाकर में उपभोक्ता ने रखे थे जेवर व कागजात, एक साल बाद खोला तो रह गया दंग; अधिकारियों से की शिकायत

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की चारबाग शाखा के लाकर में रखे गए रुपये और कागजात में जंग लगने से लाखों का नुकसान हो गया। चारबाग के एसबीआइ शाखा प्रबंधक प्रदीप मिश्र का कहना है कि लाकर में नकदी को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी बैंक की नहीं है। विजय जैन ने लाकर में रुपये रखने की जानकारी बैंक को नहीं दी थी।

By Mahendra Pandey Edited By: riya.pandey Updated: Mon, 08 Jan 2024 08:46 AM (IST)
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एसबीआइ की चारबाग शाखा के लाकर में रखे जेवर व कागजात नष्ट

महेन्द्र पाण्डेय, लखनऊ। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की चारबाग शाखा के लाकर में रखे करीब साढ़े पांच लाख रुपये और महत्वपूर्ण कागजात जंग से नष्ट हो गए। आभूषणों को भी नुकसान हुआ। पीड़ित उपभोक्ता ने इसकी शिकायत बैंक अधिकारियों से की तो उन्होंने अनसुनी कर दी।

बैंक के लाकर में लोग आभूषण सहित महत्वपूर्ण कागजात रखते हैं ताकि वो सुरक्षित रहे। तिलकनगर, ऐशबाग निवासी विजय जैन का 20 वर्षों से भारतीय स्टेट बैंक की चारबाग शाखा में लाकर है।

लाखों के जेवर में लगी जंग

उनका आरोप है कि हाल ही में वह और उनकी पत्नी ने बैंक में अपना लाकर खोला तो उनके करीब साढ़े पांच लाख रुपये नष्ट हो चुके थे। उन्होंने लाकर में ही अपनी हाईस्कूल और इंटर की मार्कशीट व प्रमाण पत्र, प्रापर्टी के कागजात और कुछ आभूषण भी रखे थे। ये सभी कागजात पूरी तरह से खराब हो गए, जबकि जेवर काले पड़ गए।

जैन का आरोप है कि जंग नियंत्रण के लिए बैंक प्रबंधन ने लाकर पर अधिक मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव किया था, इससे नकदी कागजात और आभूषण सुरक्षित होने की बजाए और खराब हो गए। लाकर के अंदर के हिस्से में खूब जंग लगा है।

विजय का कहना है कि उन्होंने शाखा प्रबंधक को शिकायत दर्ज कराई। बैंक के उच्च अधिकारियों से भी मिले, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। बैंक प्रबंधन की लापरवाही के कारण उनकी मेहनत की कमाई का नुकसान हुआ। उन्होंने यह धनराशि अपनी दो बेटियों की शादी के लिए रखी थी।

एक साल से नहीं खोला था लाकर

विजय जैन ने बताया कि लाकर के उपयोग के लिए करीब दो हजार तीन सौ रुपये वार्षिक शुल्क देते थे। वह समय-समय पर लाकर खोलकर चेक करते थे, लेकिन बीते एक वर्ष से लाकर नहीं खोला था।

चारबाग के एसबीआइ शाखा प्रबंधक प्रदीप मिश्र का कहना है कि लाकर में नकदी को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी बैंक की नहीं है। विजय जैन ने लाकर में रुपये रखने की जानकारी बैंक को नहीं दी थी। उन्होंने लाकर में मार्कशीट, प्रमाण पत्र या प्रापर्टी के कागज भी नहीं रखे थे। लाकर में जंग से उनके आभूषण काले पड़ गए हैं, उसे बैंक साफ करवा सकता है।

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