यूपी में सबसे पहले इन किसानों से खरीदा जाएगा धान, एक अक्टूबर से शुरू होने वाली है खरीद; पढ़ें अपने जिले की डिटेल
एक अक्टूबर से शुरू होने वाली धान की खरीद में छोटे व मध्यम किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे किसान जिनकी उपज 60 क्विंटल या उससे कम है उनसे प्राथमिकता के आधार पर धान खरीदा जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए जारी धान क्रय नीति में में इस बाबत विशेष प्रविधान किया गया है। धान क्रय नीति को लेकर विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया गया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। चालू वित्तीय वर्ष के लिए एक अक्टूबर से शुरू होने वाली धान की खरीद में छोटे व मध्यम किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे किसान जिनकी उपज 60 क्विंटल या उससे कम है, उनसे प्राथमिकता के आधार पर धान खरीदा जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए जारी धान क्रय नीति में में इस बाबत विशेष प्रविधान किया गया है। धान क्रय नीति को लेकर बुधवार को खाद्य एवं रसद विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया गया है।
सामान्य धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में बीते वर्ष के सापेक्ष 117 रुपये की वृद्धि करते हुए 2300 रुपये प्रति क्विंटल की दर तय की गई है। वहीं, ग्रेड-ए धान का समर्थन मूल्य 2320 रुपये प्रति क्विंटल होगा। चालू वित्तीय में चार हजार क्रय केंद्रों के माध्यम से 70 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया है। हालांकि खाद्य एवं रसद आयुक्त के निर्देश पर क्रय केंद्रों की संख्या और लक्ष्य को घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।
फारमर्स प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) और फारमर्स प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीएस) को भी सशर्त धान क्रय की अनुमति दी गई है लेकिन उन्हें मंडी परिषद से संबद्ध होकर ही खरीद करनी होगी। एक वर्ष पुरानी और 50 लाख रुपये की कार्यशील पूंजी वाले एफपीओ व एफपीएस ही क्रय की अनुमति मिलेगी।
धान की खरीद पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ झांसी और लखनऊ संभाग के हरदोई, लखीमपुर व सीतापुर जिले में एक अक्टूबर-24 से 31 जनवरी 2025 तक की जाएगी। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मीरजापुर, प्रयागराज के साथ-साथ लखनऊ संभाग के लखनऊ, रायबरेली व उन्नाव जिले में एक नवंबर-24 से 28 फरवरी 2025 तक होगी।
क्रय एजेंसियों का लक्ष्य
एजेंसी का नाम | क्रय केंद्रों की संख्या | लक्ष्य (लाख टन में) |
खाद्य विभाग की विपणन शाखा | 1350 | 31.00 |
खाद्य विभाग की विपणन शाखा | 1350 | 31.00 |
उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (पीसीएफ) | 1400 | 19.00 |
उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पीसीयू) | 600 | 12.00 |
उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) | 350 | 5.00 |
राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद | 100 | 1.50 |
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
- क्रय केंद्र ऐसे स्थान पर स्थापित किए जाएंगे जहां धान की अच्छी आवक हो और किसानों को विक्रय के लिए अधिक दूरी न तय करनी पड़े।
- क्रय एजेंसियों के ऐसे कर्मचारी जो बीते वर्षों में गबन के दोषी हों या जिन पर प्राथमिकी दर्ज हो उन्हें धान क्रय से दूर रखा जाएगा।
- क्रय केंद्रों पर केंद्र का नाम, एजेंसी का नाम, एमएसपी, केंद्र प्रभारी का नाम व मोबाइल नंबर, शिकायत निवारण प्रणाली का विवरण और शिकायत के लिए जारी टोल फ्री नंबर 18001800150 बैनर के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा।
- बेची गई फसल का भुगतान किसानों को उनके आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। सिर्फ fcs.up.gov.in पर पंजीकृत किसानों से ही धान की खरीद की जाएगी।
- मानक के अनुरूप धान न होने पर किसान 20 रुपये प्रति क्विंटल की दर से श्रमिकों को भुगतान कर सफाई करा सकेंगे।
- सभी क्रय एजेंसियां धान क्रय के मूल्य का भुगतान किसानों के खाते में 48 घंटे के भीतर करना सुनिश्चित करेंगी।
- धान व चावल के परिवहन के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले वाहनों की ई-उपार्जन पोर्टल पर मैपिंग की जाएगी। धन परिवहन के लिए सिर्फ जीपीएस युक्त वाहनों का ही प्रयोग किया जाएगा।
- राइस मिलें यदि कुटाई किए गए धान पर का प्रेषण 15 दिनों के भीतर करती हैं तो उन्हें 35 रुपये प्रति क्विंटल और 15-25 दिनों में करती हैं तो उन्हें 30 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
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