UP Electricity: यूपी वासियों से बिजली का पूरा पैसा वसूलने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने बनाई व्यापक रणनीति
UP Electricity उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने बिजली आपूर्ति का पाई-पाई वसूलने के लिए रणनीति तैयार की है। इस संबंध में कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने सभी डिस्काम को मार्गदर्शी सिद्धांत भेजा है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन राज्य कर सहित नौ विभागों से उपभोक्ताओं की जानकारी भी जुटाई जाएगी। किसी उपभोक्ता के बार-बार मीटर जलने या खराब होने के मामले में गहन जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 27 Aug 2023 04:47 PM (IST)
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेशवासियों को आपूर्ति की जा रही बिजली का पूरा पैसा वसूलने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने अब व्यापक रणनीति बनाई है। कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक ने रणनीति के तहत तैयार मार्गदर्शी सिद्धांत की प्रति बिजली कंपनियों (डिस्काम) के एमडी को भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक खंड से लेकर डिस्काम स्तर पर इसका प्रस्तुतीकरण कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कारपोरेशन से प्रदेशवासियों को 24 घंटे तक बिजली की आपूर्ति तो की जा रही है, लेकिन आपूर्ति की जा रही बिजली के एवज में उसे राजस्व नहीं मिल रहा है। इसका बड़ा कारण व्यवस्था में खामियों के साथ ही बिजली का चोरी होना है। प्रबंधन ने अब बिजली चोरी पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिए सभी पहलुओं पर नजर रखने के साथ ही बिजली का कनेक्शन चाहने वालों को बिना किसी हीला-हवाली के कनेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश डिस्काम के प्रबंध निदेशकों को दिए हैं।
बिजली चोरी करने के लिए कोई मीटर या केबल से छेड़छाड़ न कर सके इसके लिए कहा गया है कि कनेक्शन में अनिवार्य रूप से आर्मर्ड केबल का ही इस्तेमाल हो और सुनिश्चित किया जाए कि मीटर परिसर के बाहर ही लगे। लगातार तीन माह स्वीकृत भार से अधिक भार के प्रयोग पर नोटिस देकर भार को बढ़ाया जाए। मीटर में किसी तरह की गड़बड़ी को पकड़ने के लिए दो किलोवाट से लेकर दस किलोवाट से ऊपर तक के कनेक्शन के मामले में चरणबद्ध तरीके से एमआरआई करने को कहा गया है।
किसी उपभोक्ता के बार-बार मीटर जलने या खराब होने के मामले में गहन जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। जहां से ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद है वहां पहले स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। मीटर रीडर द्वारा बिलिंग में गड़बड़ी न की जा सके इसके लिए प्रत्येक छह माह में बीटवार रोटेशन कराने को कहा गया है। प्रबंध निदेशकों से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उपभोग के अनुसार सिस्टम में उपभोक्ताओं के कनेक्शन की श्रेणी सुनिश्चित की जाए। जिस श्रेणी का है उपभोक्ता है उसी श्रेणी के टैरिफ के अनुसार बिल की वसूली की जाए।
निर्देश दिए गए हैं कि वाणिज्यिक उपभोक्ताओं का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही राज्यकर, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, खाद्ध सुरक्षा, श्रम, खाद्य एवं रसद, आबकारी, वन, गैस एजेंसी व मुख्य चिकित्साधिकारी से उनके यहां पंजीकृत दुकान, फर्म, संस्थान या व्यक्तियों की जानकारी जुटाकर बिजली के कनेक्शन सुनिश्चित किए जाएं। अब तक के बकाया को वसूलने के लिए बकाएदार उपभोक्ताओं को प्रतिदिन तकादा काल करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बिलिंग मास्टर के डाटा व अन्य माध्मय से मिलने वाली सूचना पर बिजली चोरी को पकड़ने के लिए विजिलेंस टीम को पूरा ब्योरा सौंपा जाए और प्रतिदिन छापे की कार्रवाई की समीक्षा की जाए।