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योगी सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया 'नंद बाबा मिल्क मिशन', जानिए क्या है...?

प्रदेश को दुग्ध विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ ही दुनिया में दुग्ध उत्पादन में नए कीर्तिमान गढ़ने को प्रतिबद्ध योगी सरकार ने एक हजार करोड़ की लागत से नन्द बाबा दुग्ध मिशन की शुरुआत की है।

By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Thu, 15 Jun 2023 11:08 PM (IST)
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योगी सरकार ने एक हजार करोड़ की लागत से शुरू किया 'नन्द बाबा दुग्ध मिशन'

जागरण ऑनलाइन डेस्क: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार गोवंश को लेकर सत्ता में आने के बाद से ही चिंतित दिखी है। हाल ही में राज्य सरकार ने देशी नस्ल की गाय के पालन और उनके दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है ‘नंद बाबा दुग्ध मिशन’… इसके तहत सरकार ने अपनी पिछली कैबिनेट की बैठक में 1000 करोड़ रुपए का बजट रखा है। मिशन के तहत गांवों में ही दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दूध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

क्या है मिशन का उद्देश्य?

प्रदेश को दुग्ध विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ ही दुनिया में दुग्ध उत्पादन में नए कीर्तिमान गढ़ने को प्रतिबद्ध योगी सरकार ने एक हजार करोड़ की लागत से नन्द बाबा दुग्ध मिशन की शुरुआत कर दी है। मिशन का उद्देश्य ग्रामीण दुग्ध उत्पादकों को उचित बाजार उपलब्ध कराने के साथ ही प्रति पशु प्रतिदिन दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाने समेत प्रिसिजन डेरी फॉर्मिंग को बढ़ावा देना है।

कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर गौ-संवर्धन को प्रोत्साहित करने की कार्यवाही दुग्ध विकास विभाग के जरिए की जा रही है। दुग्ध क्षेत्र में 25 प्रतिशत से अधिक वार्षिक वृद्धि में यह मिशन सहायक होगा। नन्द बाबा मिशन के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों को बाह्य प्रदेशों से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों के क्रय किये जाने के लिए दुग्ध उत्पादकों के गौवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार हेतु प्रगतिशील पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि दिए जाने हेतु व प्रदेश स्तर पर गोपालन का वृहद डाटाबेस बनाना प्रस्तावित है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेयरी सेक्टर में नवीन उद्योगों में निवेश की अपार संभावना है इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए डेयरी सेक्टर के समस्त हितधारकों के लिए अधिकाधिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 प्रख्यापित की गयी है।

ग्रामीण क्षेत्र में बाजार की उपलब्धता को बढ़ाना उद्देश्य

दुग्धशाला विकास विभाग के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्य है। पूरे देश में 221 मिलियन मीट्रिक टन दुग्ध का उत्पादन होता है जबकि अकेले उत्तर प्रदेश में 33 मिलियन मीट्रिक टन दुग्ध का उत्पादन होता है। वहीं देश में 444 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्धता है जबकि प्रदेश में 392 ग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता है। प्रदेश में दुग्ध संग्रह के क्षेत्र में 21 प्रतिशत संगठित क्षेत्र और 79 प्रतिशत असंगठित क्षेत्र की सहभागिता है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश के डेयरी क्षेत्र को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए नन्द बाबा मिशन के तहत विभिन्न चुनौतियों पर काम किया जा रहा है।

इसे बढ़ावा देने के लिए किन-किन मुद्दों पर किया जा रहा काम?

  • वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में दुग्ध उत्पादकों के पास बाजार की उपलब्धता कम है, जिसे बढ़ाया जाएगा।
  • इसी तरह वैल्यू एडेड एनिमल फीड/फॉडर एवं आर्गनाइज्ड एनिमल फीड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की संख्या को बढ़ाया जाएगा।
  • प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में जो प्रति पशु प्रतिदिन दुग्ध उत्पादकता कम है, इस पर ध्यान दिया जाएगा।
  • मिल्क प्रोसेसिंग व प्रिसिजन डेरी फार्मिंग में अपेक्षित कौशल के अभाव को दूर किया जाएगा।
  • उचित मूल्य पर प्रसंस्कृत दुग्ध व दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता को बढ़ाया जाएगा।
  • दुग्ध प्रसंस्करण में संगठित क्षेत्र की सहभागिता को भी युद्धस्तर पर बढ़ाया जाएगा।

गौ से ग्राहक तक पहुंचने का लक्ष्य

दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना का नाम नन्द बाबा पर रखा है। उनके अनुसार प्रदेश में नन्द बाबा विश्व के सबसे बड़े उत्कृष्ट गौ पालक, दुग्ध संग्रहक, सर्वश्रेष्ठ माखन उत्पादक एवं भगवान श्री कृष्ण के पालक थे। उनके पास 9 लाख गाय थीं। उन्होंने लोगों को अपनी जीविका चलाने के लिए दो लाख गायों को दान किया था। साथ ही वह सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक, संग्रहक, प्रसंस्कर्ता एवं उपभोक्ता भी थे। इसी सब को ध्यान में रखकर योजना का नाम नन्द बाबा दुग्ध मिशन रखा गया है। मिशन का उद्देश्य गौ से ग्राहक तक पहुंचने का है। मिशन के तहत दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि करना, दुग्ध संग्रहण एवं प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि करना, क्षमता विकास एवं तकनीकी पर जोर देना व मूल्य संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ाया देना है।