ये तो हद हो गई! देश की पहली रैपिड ट्रेन की ओएचई वायर हो गई चोरी, चोर इतने ऊंचे ट्रैक पर चढ़े कैसे?
मेरठ में रैपिड रेल के ट्रैक से चोरों ने 30-35 मीटर ओएचई वायर चोरी कर लिया जिससे रैपिड का संचालन डी ग्रेड मोड पर किया गया। चोरों ने पिलर पर रस्सा बांधकर रेलवे ट्रैक पर चढ़कर वायर काटा। तार की कीमत डेढ़ लाख रुपये है। परतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है और पुलिस चोरों की तलाश में जुटी है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। मेरठ साउथ स्टेशन के डेढ़ किमी गाजियाबाद की तरफ रैपिड रेल के ट्रैक से चोरों ने ओएचई (ओवरहेड इक्विपमेंट) वायर चोरी कर लिया। उससे रैपिड का संचालन डी ग्रेड मोड पर किया गया। पिलर पर रस्सा बांध कर बदमाश रेलवे ट्रैक पर चढ़ गए। उसके बाद 30 से 35 मीटर तार चोरी कर लिया।
यह वायर रैपिड और मेट्रो रेल को सिग्नल देने के लिए लगाया जा रहा था। बताया जाता है कि उक्त तार की कीमत डेढ़ लाख रुपये है। पहले भी बदमाश तार चोरी की घटना को अंजाम दे चुके हैं।
परतापुर थाने में शिकायत दर्ज
डीबी आरआरटीएस के अधिकारी भुनेश कुमार की तरफ से परतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उनका कहना है कि एनसीआरटीसी के प्रोजेक्ट में संचालन और रखरखाव के लिए डीबी आरआरटीएस को ठेका मिला है।
बताया कि गाजियाबाद से मेरठ साउथ तक रैपिड का संचालन हो चुका है। बदमाशों ने मेरठ साउथ स्टेशन से करीब डेढ़ किमी पहले गाजियाबाद की तरफ से 30 से 35 मीटर ओएचई वायर चोरी कर लिया है।
11 सितंबर की रात 11 बजे से चार बजे के बीच बदमाश पिलर पर रस्सा बांधकर रेलवे ट्रैक पर चढ़ गए। उन्होंने ओएचई वायर को काट लिया। यह वायर रैपिड रेल को सिग्नल देता है।
बताया जाता है कि वायर चोरी होने के बाद रैपिड को सिग्नल नहीं मिल पाया। उसके बाद डी ग्रेड में संचालन किया गया। साथ ही मिस्त्री लगातार तत्काल ही नया तार लगा दिया गया। उसके बाद परतापुर थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उनका कहना है कि इससे पहले गाजियाबाद के मुरादनगर और भूडबराल में भी तार चोरी हो चुका है। थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि रैपिड का तार चोरी करने वाले गिरोह की तलाश में टीम लगा दी गई है।
यह भी पढ़ें: यूपी में विधायक का ‘ड्रामेटिक’ सरेंडर, पत्नी चल रही फरार और जेल में है बेटा; आखिर क्या है मामला?
यह भी पढ़ें: मुंह से झाग निकला… उल्टी हुई और फिर उड़ गए प्राण पखेरू, 3 दिन में 5 मौतों से पुलिस विभाग में खलबली