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तीर्थ रेल मार्ग बनेगा ग्रीन कॉरीडोर, बायो टॉयलेट वाली ट्रेनें ही जाएंगी

रेल प्रशासन तीर्थ स्थल की ओर जाने वाले मार्ग को ग्रीन कॉरीडोर बनाने जा रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 01 Nov 2018 09:20 AM (IST)
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तीर्थ रेल मार्ग बनेगा ग्रीन कॉरीडोर, बायो टॉयलेट वाली ट्रेनें ही जाएंगी

मुरादाबाद (प्रदीप चौरसिया) : रेल प्रशासन तीर्थ स्थल की ओर जाने वाले मार्ग को ग्रीन कॉरीडोर बनाने जा रहा है। इसके तहत हरिद्वार समेत अन्य तीर्थ स्थलों पर बॉयो टायलेट कोच वाली ट्रेन ही जाएगी। मुरादाबाद रेल मंडल के चार सौ कोच में बॉयो टायलेट लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। जारी किया गया है विजन 2020 गंदगीमुक्त रेल लाइन और स्टेशन बनाने के लिए रेल प्रशासन ने विजन 2020 जारी किया है। इसके तहत रेल लाइन के किनारे फैल रही गंदगी को समाप्त किया जाना है। पहले चरण में देश के प्रमुख तीर्थ स्थल हरिद्वार, पुरी, रामेश्वरम और द्वारिका जाने वाले रेल मार्ग को ग्रीन कॉरीडोर घोषित किया जाना है। इन स्टेशनों पर जाने वाली या गुजरने वाली सभी ट्रेनों के कोच में बायो टॉयलेट होना अनिवार्य कर दिया गया है। जिस ट्रेन के कोच में बायो टॉयलेट नहीं होगा, वह ट्रेन इन स्टेशनों की ओर जाने वाले मार्ग से नहीं गुजरेंगी। वर्ष 2020 से सभी कोचों में बॉयो टायलेट लगाने की योजना है। देश में ऐसे कोच की संख्या अभी 20 हजार से अधिक है। एक कोच में चार शौचालय होते हैं, जल्द ही इन सभी को बायो टॉयलेट में परिवर्तित किया जाएगा।

मुरादाबाद रेल मंडल द्वारा संचालित ट्रेनों में छह सौ कोच हैं। दो सौ कोच में बायो टॉयलेट लगाने का काम पूरा हो चुका है। शेष चार सौ में बायो टॉयलेट लगाने की व्यवस्था की जा रही है। रेल लाइन के किनारे गंदगी फैलने से रोकने के लिए सभी कोच में कूड़ेदान की व्यवस्था की जा रही है, जिससे यात्री बोतल आदि चलती ट्रेन से रेल लाइन के किनारे फेंकने के बजाय कूड़ेदान में डालें। लगाए जा रहे हैं बायो टॉयलेट सभी कोच में बायो टॉयलेट लगाने काम शुरू हो गया है। वर्ष 2019 तक सभी ट्रेनों के कोच में इसकी व्यवस्था हो जाएगी। तीर्थ रेल मार्ग को ग्रीन कॉरीडोर बनाया जाएगा। इसलिए हरिद्वार, ऋषिकेश देहरादून जाने वाली सभी ट्रेनों के कोच में बायो टॉयलेट लगाया जाना है।

अजय कुमार सिंघल, मंडल रेल प्रबंधक