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पेपर लीक मामले के बाद अब इस विवाद ने पकड़ा तूल, राजभवन पहुंची शिकायत; आयोग की भूमिका पर उठाएं गंभीर सवाल

UPPSC समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी का पेपर आउट होने के बाद भी आयोग के अध्यक्ष द्वारा लगातार इनकार किया जाता रहा पर व्यापक आंदोलन और सरकार के हस्तक्षेप के बाद परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। दर्जनों गिरफ्तारियां पेपर आउट गिरोह के सदस्यों की हो चुकी थी। अब उच्च न्यायालय में एक प्रतियोगी छात्र द्वारा दायर याचिका के माध्यम से सनसनीखेज खुलासा होता है कि पीसीएस...

By Ankur TripathiEdited By: Riya Pandey Updated: Wed, 12 Jun 2024 09:08 PM (IST)
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पेपर लीक मामले के बाद अब इस विवाद ने आयोग की बढ़ाई मुश्किलें

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। UPPSC PCS-J 2022 Case: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस-जे (UPPSC PCS-J) की मुख्य परीक्षा का हैंडराइटिंग विवाद राजभवन पहुंच गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने राज्यपाल को पत्र लिखकर आयोग की कार्यप्रणाली और अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की।

इस प्रकरण में अभ्यर्थी की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय आयोग से अभ्यर्थी की छह उत्तर पुस्तिकाएं तलब कर चुका है, हालांकि आयोग ने हलफनामे में जांच जारी होने का आधार बताते हुए उच्च न्यायालय से समय मांगा था। ऐसे में आयोग की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।

प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने पीसीएस (जे) 2022 की मुख्य परीक्षा की कापी में हेरफेर का आरोप लगाते हुए लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की भूमिका की जांच की मांग राज्यपाल से की है।

पेपर आउट गिरोह के सदस्यों की हो चुकी थी दर्जनों गिरफ्तारियां

प्रशांत पांडेय ने कहा कि समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी का पेपर आउट होने के बाद भी आयोग के अध्यक्ष द्वारा लगातार इनकार किया जाता रहा, पर व्यापक आंदोलन और सरकार के हस्तक्षेप के बाद परीक्षा निरस्त करनी पड़ी। दर्जनों गिरफ्तारियां पेपर आउट गिरोह के सदस्यों की हो चुकी थी।

अब उच्च न्यायालय में एक प्रतियोगी छात्र द्वारा दायर याचिका के माध्यम से सनसनीखेज खुलासा होता है कि पीसीएस-जे 2022 (PCS-J 2022) की मुख्य परीक्षा में शामिल छात्र श्रवण पांडेय की कॉपी बदल दी गई है। इसके बाद आयोग में जांच-जांच का खेल शुरू हो गया है।

इस प्रकरण ने आयोग की कार्य प्रणाली पर खड़े किए सवाल

कॉपी में हैंडराइटिंग बदलने का यह प्रकरण आयोग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है। इसकी वजह से उप्र लोक सेवा आयोग अपनी विश्वसनीयता छात्रों के बीच खो चुका है। प्रशांत पांडेय ने अध्यक्ष के त्यागपत्र और सभी छात्रों को बुलाकर उनकी कापियां दिखाने की मांग की है।

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