UP में बदहाल स्वास्थ्य सेवा: रायबरेली में स्टाफ नर्स ने प्रसूता से कहा- चली जाओ नहीं तो मार देंगे थप्पड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम एव स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के लाख प्रयासों और निर्देशों के बाद भी प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर सामने आ ही जाती है। ताजा मामला रायबरेली के बछरावां का है। यहां जच्चा-बच्चा विभाग पहुंची प्रसूता से स्टाफ नर्स ने बदसलूकी करते हुए यहां तक कह दिया कि चली जाओ नहीं तो थप्पड़ मार देंगे।
बछरावां, संवादसूत्र। सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो चुकी हैं। उस पर जच्चा-बच्चा विभाग पर तो लगाम कसने में अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा। इसीलिए कभी इलाज के नाम पर धन उगाही तो कभी मरीजों को अस्पताल से बिना इलाज के ही भगा दिए जाने के मामले सामने आते रहते हैं।
ऐसा ही प्रकरण शनिवार सुबह देखने को मिला। प्रसूता विमला (25) पत्नी पवन कुमार निवासी जोरावर खेड़ा अस्पताल की व्यवस्थाओं पर रो रही थी। जब बात की गई तो उसने बताया कि वह अपने पति पवन के साथ शुक्रवार रात प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल आई थी। जहां महिला चिकित्सक की गैरमौजूदगी में स्टाफ नर्स नेहा वर्मा ने उसका इलाज किया और प्रसव में अभी वक्त है, यह कहते हुए भर्ती होने की सलाह दी।
प्रसूता का निवास सीएचसी से पास होने के चलते सुबह अस्पताल आने की बात कहते हुए वह अपने घर चली गई। सुबह जब वह अस्पताल पहुंची । तो उसे स्टाफ नर्स नेहा वर्मा फिर मिली। प्रसूता ने प्रसव पीड़ा की बात करते हुए, भर्ती करने को कहा तो स्टाफ नर्स आग बबूला हो गई।
प्रसूता का आरोप है कि स्टाफ नर्स नेहा ने उसे थप्पड़ मारने की धमकी देते हुए अस्पताल से निकल जाने को कहा और यह भी कहा कि यहां इलाज नहीं होगा। मामले ने तूल पकड़ा तो मौके पर मौजूद महिला चिकित्सक डॉक्टर पारुल सिंह ने प्रसूता की जांच की।
प्रसूता की हालत गंभीर देखते हुए महिला चिकित्सक ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया है । स्टाफ नर्स नेहा वर्मा ने बताया कि ऐसी कोई घटना अस्पताल में नहीं हुई । मेरे ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। सीएचसी अधीक्षक एके जैसल ने कहा कि प्रकरण की जांच की जा रही है। अभद्रता जैसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है ।