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सफाई छोड़ स्वीपर बना रहे पर्चा तो कहीं मरहम पट्टी

जिला अस्पताल में ध्वस्त सफाई व्यवस्था

By JagranEdited By: Updated: Sun, 14 Aug 2022 12:34 AM (IST)
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सफाई छोड़ स्वीपर बना रहे पर्चा तो कहीं मरहम पट्टी

सफाई छोड़ स्वीपर बना रहे पर्चा तो कहीं मरहम पट्टी

रायबरेली : इन पर जिम्मेदारी साफ-सफाई की है। तैनाती भी स्वीपर पद पर हुई, लेकिन पिछले कुछ सालों से साफ-सफाई छोड़कर बाकी सब काम कर रहे हैं। कोई पर्चा बना रहा तो कोई घायल की मरहम पट्टी। जी हां, जिला अस्पताल में कुछ ऐसा ही हो रहा है। नतीजतन वार्डों में गंदगी का अंबार है। ठेका कर्मी सिर्फ खानापूरी कर रहे हैं। ऐसे में स्वस्थ होने की चाह में आने वाले रोगियों पर हर पल संक्रामक रोग की चपेट में आने का खतरा मंडराता रहता है। जिला अस्पताल में हर दिन सात सौ से आठ सौ रोगी और तीमारदार पहुंचते हैं। ऐसे में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाना अस्पताल प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए फर्म नामित किया गया है। वहीं तैनात स्वीपर मुख्य कार्य को छोड़कर काउंटर पर पर्चा तो कहीं इमरजेंसी में मरहम पट्टी कर रहे हैं। इसके चलते दिनोंदिन अस्पताल की सफाई व्यवस्था ध्वस्त होने लगी है। फर्म के खिलाफ पहले हो चुकी लिखापढ़ी स्वीपर जहां सफाई छोड़ चुके हैँ। वहीं यहां पर नामित फर्म के कर्मचारी बेलगाम हैं। समय से मानदेय नहीं मिलने के कारण अकसर कार्य बहिष्कार कर देते हैं। पूर्व में तैनात सीएमएस ने फर्म के खिलाफ उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा। साथ ही चेतावनी दी कि यदि सफाई कार्य बाधित हुई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। बाहर से दवा खरीदने और जांच कराने का खेल जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सकों का खेल एक बार फिर से शुरू हो गया है। रोगियों को गुमराह करके बाहर मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने से लेकर जांच तक कराने का दबाव बनाया जा रहा है। जबकि, अस्पताल प्रशासन की ओर से पर्याप्त दवा और सभी जांच का दावा किया जा रहा है। इसके बावजूद सेटिंग-गेटिंग का दौर नहीं थम रहा है। ------- स्वीपर पद पर तैनात कर्मियों द्वारा सफाई कार्य नहीं करने की जानकारी मिली है। इस संबंध में एक पत्र जारी किया जा रहा है। सभी को मूल पद पर कार्य करने के लिए निर्देशित किया जाएगा, ताकि सफाई व्यवस्था बेहतर हो सके। -डा. महेंद्र मौर्या, सीएमएस जिला अस्पताल