नागिन के पकड़े जाने से बौखलाया नाग आखिरकार पकड़ा गया
वाराणसी कलेक्ट्रेट में दशकों से जमा नाग-नागिन का डेरा आज उजड़ गया। छह माह पहले नाग के साथ रह रही नागिन के पकड़े जाने के बाद से कार्यालय में दहशत थी।
वाराणसी (जेएनएन)। कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत कार्यालय में दशकों से रह रहा नाग आखिरकार आज पकड़ लिया गया। करीब छह माह पहले नाग के साथ रह रही नागिन के पकड़े जाने के बाद से कार्यालय में काफी दहशत थी। कर्मचारी उधर जाने से भी डरते थे। स्थानीय लोगों के अनुसार कार्यालय में काम करने वाले कहने लगे थे कि नागिन के पकड़े जाने के बाद से नाग बौखला गया है और वह उधर जाने वालों पर हमला कर सकता है। बीच में दो बार सपेरे को बुला कर प्रयास किया गया लेकिन नाग का पता नहीं चला।
आज एक बार फिर सपेरे ने प्रयास किया और नाग दिख गया। काफी मशक्कत और फाइलों, आलमारी, टेबल-कुर्सी आदि हटाने के बाद नाग को पकड़ लिया गया। लगभग सात फुट लंबा नाग सपेरे के अनुसार सौ साल से अधिक का होगा। जिला पंचायत कर्मियों का अंदेशा है कि अभी एक सर्प और भी पुराने दस्तावेजों के बीच है। दस्तावेजों को हटा कर उसे भी पकड़ा जाएगा ताकि कार्यालय के कार्य में कोई बाधा न आए और कर्मी आसानी से बिना डर और भय के कार्य कर सके।
पढ़ें- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने दम पर ही चुनाव प्रचार करने को तैयार
नाग होते दीर्घायु
भविष्य पुराण के अनुसार नाग दीर्घायु होते हैं। यदि इनकी अकाल मृत्यु नही हो तो यह 120 साल तक जीवित रह सकते है। समय से पहले जन्म लने वाले सांपों का विष मंद होता है। उनकी आयु भी कम होती है। प्रजनन आषाढ़ मास होता है। वर्षा ऋतु के चार महीने तक सार्पिनी गर्भ धारण करती है और कार्तिक के महीने में सर्पिनी अंडे देती है। नागिन एक बार में दो सौ चालीस अंडे देती है। नाग अपने अंडों को स्वयं खा जाता है। बचे अंडों से नागों का वंश आगे बढ़ता है। सोने की तरह दिखने वाले अंडे से नाग, लंबी रेखा युक्त अंडों से नागिन और ललिमा युक्त अंडे से नपुंसक नाग जन्म लेते हैं। अंडे से बाहर आने के 21 दिन बाद नाग के विषदंत आ जाते हैं। 25 दिन बाद किसी के प्राण छीनने की क्षमता आ जाती है। सांप के भी बत्तीस दांत होते हैं। सांप के दो सौ चालीस सूक्ष्म पैर दिखाई नहीं देते। चलते समय यह पैर बाहर निकल आते हैं अन्य समय शरीर में प्रविष्ट कर जाते हैं।