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दून अस्पताल की इमरजेंसी में युवती की मौत की कार्रवाई में देरी, परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही का लगाया था आरोप

दून मेडिकल कालेज अस्पताल की इमरजेंसी में समाल्टा गांव निवासी युवती की मौत के मामले में जिस तेजी से जांच पूरी हुई कार्रवाई को लेकर वह तेजी नहीं दिख रही। कालेज स्तर पर रिपोर्ट मिलने के दूसरे दिन भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि जांच समिति ने कई संस्तुति की हैं।अधिकारियों की वीआइपी कार्यक्रमों व अन्य व्यस्तताओं के चलते अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 07 Oct 2023 03:58 PM (IST)
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दून अस्पताल की इमरजेंसी में युवती की मौत की कार्रवाई में देरी

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कालेज अस्पताल की इमरजेंसी में समाल्टा गांव निवासी युवती की मौत के मामले में जिस तेजी से जांच पूरी हुई, कार्रवाई को लेकर वह तेजी नहीं दिख रही। कालेज स्तर पर रिपोर्ट मिलने के दूसरे दिन भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि जांच समिति ने कई संस्तुति की हैं।

बताया गया कि अधिकारियों की वीआइपी कार्यक्रमों, शासन स्तर की बैठकों व अन्य व्यस्तताओं के चलते अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है। सोमवार तक व्यवस्थागत कुछ बड़ा संभव है। इमरजेंसी में बेपटरी हो चुकी व्यवस्था पर प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना जल्द बैठक करेंगे, जिसमें कड़े निर्णय लिए जा सकते हैं। वहीं, शुक्रवार को एमएस डा. अनुराग अग्रवाल ने इमरजेंसी का निरीक्षण किया और कई स्तर पर व्यवस्था में सुधार के लिए निर्देश दिए।

बीते मंगलवार को 18 वर्षीय निशा की हो गई थी मौत

बता दें, मंगलवार रात समाल्टा गांव निवासी 18 वर्षीय निशा की मौत हो गई थी। जिस पर स्वजन व क्षेत्रवासियों ने हंगामा किया था। उन्होंने युवती को गलत इंजेक्शन लगाने, चिकित्सक व स्टाफ पर अभद्रता का आरोप लगाया था। जिसकी जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने उप चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में चार सदस्य समिति बनाई थी। इस मामले में प्रारंभिक स्तर पर एक चिकित्सक एवं तीन नर्सिंग अधिकारियों को छुट्टी भेजा गया है।

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डेंगू नोडल अधिकारी को नोटिस

दून मेडिकल कालेज अस्पताल में डेंगू नोडल अधिकारी से जवाब-तलब किया गया है। मरीजों की मौत की जानकारी सीएमओ कार्यालय देरी से देने पर मुख्य सचिव कार्यालय स्तर से नाराजगी पर यह कार्रवाई की गई है। शासन के जवाब मांगने पर चिकित्सा शिक्षा निदेशालय से इस संबंध में अस्पताल को पत्र भेजा गया। जिस पर एमएस डा. अनुराग अग्रवाल ने डेंगू नोडल अधिकारी डा. अंकुर पांडेय से 48 घंटे के भीतर जवाब-तलब किया।

एमएस ने बताया कि लगातार रिपोर्टिंग की जा रही थी, जो भी मौतें हुई वह बताई गईं। सीएमओ कार्यालय को कुछ असमंजस था, तो दोबारा से जानकारी भेज दी थी। निदेशालय को जवाब बनाकर भेज दिया है।

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