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'केदारघाटी में स्थिति सामान्य करना सरकार की प्राथमिकता', आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में CM धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में जल्द से जल्द स्थिति सामान्य करने और यात्रा सुचारू रूप से चलाने को सरकार की प्राथमिकता बताया है। आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने रुद्रप्रयाग के डीएम से केदारघाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे कार्यों की जानकारी ली और केदारनाथ धाम तक वैकल्पिक मार्ग को शीघ्रता से तैयार करने के निर्देश दिए।

By kedar dutt Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 24 Sep 2024 08:55 PM (IST)
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CM धामी ने नई दिल्ली से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा की। सूवि

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारघाटी में जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो और यात्रा सुचारू रूप से चलती रहे, यह सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने मंगलवार को आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा के दौरान यह बात कही।

उन्होंने रुद्रप्रयाग के डीएम से केदारघाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। साथ ही केदारनाथ धाम तक वैकल्पिक मार्ग को शीघ्रता से तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने डीएम से पूछा कि यदि उन्हें किसी भी तरह की मदद शासन स्तर से चाहिए तो इस बारे में तुरंत अवगत कराएं।

मुख्यमंत्री ने आपदा संबंधी पुनर्निर्माण कार्यों, चारधाम यात्रा मार्ग समेत अन्य क्षतिग्रस्त राजमार्गों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के द़ृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को एनएचआइडीसीएल, एनएचएआइ समेत अन्य विभागों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए।

साथ ही लोनिवि समेत अन्य विभागों को पुरानी देनदारियां शीघ्र निबटाने को कहा। उन्होंने कहा कि विभागों में जो भी लंबित कार्य हैं, उन्हें तत्काल निबटाया जाना चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यदि आपदा मद से धनराशि खर्च करने में दिक्कतें आ रही हैं तो उन्हें आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के संज्ञान में लाएं।

2500 किमी सड़कें होंगी पैचलेस

लोनिवि के अपर सचिव विनीत तोमर ने बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि लोनिवि ने राज्य में 2500 किलोमीटर सड़कों को पैचलेस करने का लक्ष्य रखा है। इसमें राज्य की 668 सड़कें हैं। तय लक्ष्य के अनुरूप इन सड़कों को पैचलेस कर दिया जाएगा।

आपदा से बचाव को अब तक 427 करोड़ आवंटित

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में चालू वित्तीय वर्ष में आपदा से बचाव के लिए 427.87 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। इसमें एसडीआरएफ से 386.87 करोड़, राज्य सेक्टर न्यूनीकरण से 15 करोड़ और राज्य सेक्टर नान एसडीआरएफ से 26 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

एसडीआरएफ के तहत पुनस्र्थापना व पुनर्वास के लिए 95 करोड़ की राशि और दी जा रही है। इसके लिए लोनिवि को 50 करोड़, पीएमजीएसवाई को 15 करोड़, पेयजल निगम को 20 करोड़ व यूपीसीएल को 10 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

टिहरी में दिसंबर तक आपदा प्रभावित गांवों का विस्थापन

टिहरी के डीएम मयूर दीक्षित ने मुख्यमंत्री को बताया कि घनसाली क्षेत्र में आई आपदा के बाद स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है। जिन सड़कों को अधिक क्षति पहुंची है, उन्हें दुरुस्त करने का कार्य चल रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर तक क्षेत्र के आपदा प्रभावित गांवों का विस्थापन कर लिया जाएगा। इसके लिए शासन से धनराशि मिल चुकी है। इसके अलावा बूढ़ाकेदार में सुरक्षा दीवार निर्माण के कार्य को भी अनुमोदन मिल गया है।

स्पष्ट शासनादेश जारी करने का अनुरोध

ऊधम सिंह नगर के डीएम उदय राज सिंह ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पुनर्निर्माण और पुनप्र्राप्ति को लेकर केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन के बाद धनराशि खर्च करने में व्यवहारिक कठिनाइयां आ रही है। इसे देखते हुए स्पष्ट शासनादेश जारी करने का उन्होंने अनुरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इससे संबंधित सभी बिंदुओं को आपदा प्रबंधन सचिव के संज्ञान में लाया जाए।

चंपावत भेजे जाएंगे दो बेली ब्रिज

चंपावत के डीएम नवनीत पांडे ने जिले में दो बेली ब्रिज की आवश्यकता की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया। इस पर मुख्यमंत्री ने नैनीताल के डीएम को हल्द्वानी से दो बेली ब्रिज तत्काल चंपावत भेजने के निर्देश दिए।