देहरादून में फटा बादल; चमोली में महिला की मौत; गंगा का जलस्तर बढ़ा
उत्तराखंड में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। ऋषिकेश में आकाशीय बिजली गिरने से दो घरों में मकान की दीवारें फट गईं। वहीं, गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा से ऊपर बह रहा है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 24 Aug 2018 08:58 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: देहरादून के ग्रामीण क्षेत्र में बादल फटने खासा नुकसान हुआ है। गुरुवार आधी रात के दौरान मूसलधार बारिश से स्थानीय बरसाती नदी उफान पर आ गई। इससे देहरादून के रायपुर ब्लाक की द्वारा ग्राम पंचायत में जबरदस्त तबाही हुई है। खेतों में मलबा घुसने के साथ ही पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई और गांव को सड़क से जोड़ने वाला रास्ता भी बंद हो गया है। प्रशासन की टीम ने मौके पर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा ऋषिकेश में आसमानी बिजली से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए तो हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र में तेल का एक टैंकर उफनती कोटावली नदी में बह गया। हालांकि इसमें सवार पांच लोगों में चार को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन चालक का पता नहीं चल पा रहा है।
देहरादून में गुरुवार रात शुरू हुई बारिश शुक्रवार सुबह तक जारी रही। इस दौरान देहरादून से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत द्वारा के पास बह रही बरसाती नदी उफान पर आ गई। ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह पुंडीर ने बताया कि सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त होने के साथ ही गांव को जोडऩे वाली पांच पुलिया बह गई हैं। इसके अलावा मुख्य मार्ग को भी भारी नुकसान पहुंचा है। उधर, चमोली जिले के कांडई गांव में घास लेने गई महिला की चट्टान से गिर पत्थर में चपेट में आने से मौत हो गई। दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से ग्रामीण घायल हो गया।
हरिद्वार-ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा पर
पहाड़ों में लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं। गढ़वाल में मंदाकिनी, पिंडर, अलकनंदा तो कुमाऊं में गोरी, काली, शारदा और सरयू का जलस्तर बढ़ गया है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा को छूने लगी है। ऋषिकेश में में प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट के मुख्य प्लेटफार्म तक गंगा का पानी पहुंच गया है। इसके अलावा लक्ष्मण झूला, स्वर्गाश्रम व मुनिकीरेती क्षेत्र में घाट जलमग्न हो गए हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है। गंगा के जलस्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है।
दूसरे दिन भी नहीं खुल सका बदरीनाथ हाईवे
पहाड़ों में सड़कों पर भूस्खलन की मार जारी है। प्रदेश में करीब सवा सौ संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है। गुरुवार सुबह बदरीनाथ के निकट लामबगड़ स्लाइडिंग जोन प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। गुरुवार को मलबा आने से बंद मार्ग शुक्रवार को भी नहीं खोला जा सका। करीब छह सौ यात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोका गया है। देहरादून जिले में भी कैम्पटी फॉल के पास मलबा आने के बाद मसूरी-चकराता हाईवे करीब सात घंटे बंद रहा। इसके पिथौरागढ़ में थल -मुनस्यारी और पिथौरागढ़-तवाघाट मार्ग भी मलबा आने से बंद है।मौसम शनिवार को भी नहीं देगा राहत
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में भी मौसम के मिजाज में कोई परिवर्तन नहीं होगा। विशेषकर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। मौसम की चेतावनी के मद्देनजर शासन ने भी सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रखा है।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में फिर बदला मौसम का मिजाज, भारी बारिश की चेतावनी
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