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Uttarakhand: वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का बयान, वीरभट्टी जैसे मदरसों के लिए देवभूमि में कोई जगह नहीं

शम्स ने कहा अल्लाह के नाम पर लिया गया चंदा अथवा अर्जित संपत्ति शरअन वक्फ होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जितने भी मदरसे संचालित हैं चाहे वे मदरसा बोर्ड में पंजीकृत हैं या वक्फ बोर्ड के हैं अथवा निजी मदरसे इन सभी की संपत्ति उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में निहित कर दी जानी चाहिए। इससे मदरसों पर एक प्रकार से सरकारी नियंत्रण भी हो सकेगा।

By kedar duttEdited By: Shubham SharmaUpdated: Tue, 10 Oct 2023 03:00 AM (IST)
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मदरसों की संपत्ति वक्फ बोर्ड के दायरे में लाने की मांग। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने वीरभट्टी मदरसा प्रकरण को शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे मदरसों के लिए कोई जगह नहीं है। साथ ही पैरवी की कि राज्य में जितने भी पंजीकृत, गैर पंजीकृत मदरसे हैं, उनकी पूरी संपत्ति वक्फ बोर्ड के दायरे में लाई जानी चाहिए। सरकार को इस सिलसिले में कानून लाने का सुझाव दिया जाएगा।

मदरसों पर हो सकेगा सरकारी नियंत्रण

शम्स ने कहा कि निजी मदरसों के नाम पर संपत्ति बनाने का खेल बंद होना चाहिए। शम्स के अनुसार शरीयत भी कहती है कि दान अथवा चंदे में मिली राशि से निजी संपत्ति नहीं बनाई जा सकती। अल्लाह के नाम पर लिया गया चंदा अथवा अर्जित संपत्ति शरअन वक्फ होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जितने भी मदरसे संचालित हैं, चाहे वे मदरसा बोर्ड में पंजीकृत हैं या वक्फ बोर्ड के हैं अथवा निजी मदरसे, इन सभी की संपत्ति उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में निहित कर दी जानी चाहिए। इससे मदरसों पर एक प्रकार से सरकारी नियंत्रण भी हो सकेगा।

प्रत्येक मदरसे में लगें सीसीटीवी

शम्स ने कहा कि वीरभट्टी मदरसा जैसे प्रकरणों की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रत्येक मदरसे में सीसी कैमरे लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड जो माडर्न मदरसे बनाने जा रहा है, उनमें यह व्यवस्था की जा रही है।

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