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हरक सिंह रावत पर भारी पड़ रही है हरीश रावत की ये नाराजगी, पार्टी में विरोध तेज; जानिए किसने क्या कहा

Uttarakhand Election 2022 हरीश रावत की नाराजगी ने असर दिखा ही दिया। पूर्व मंत्री हरक सिंह को 2016 की बगावत के लिए माफी मांगनी पड़ी। साथ में कांग्रेस ने अब तक उनकी वापसी को हरी झंडी नहीं दिखाई। चलिए आपको बताते हैं कि पार्टी के दिग्गजों का क्या कहना है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:16 AM (IST)
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हरक सिंह रावत पर भारी पड़ रही है हरीश रावत की ये नाराजगी। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत (Harish Rawat) की नाराजगी ने असर दिखा ही दिया। पूर्व मंत्री हरक सिंह (Harak Singh Rawat) को 2016 की बगावत के लिए माफी मांगनी पड़ी। साथ में कांग्रेस ने अब तक उनकी वापसी को हरी झंडी नहीं दिखाई। प्रदेश में भी कांग्रेस के भीतर पार्टी के बड़े नेताओं ने हरक सिंह की वापसी को लेकर असंतोष सामने आया है। विधायक मनोज रावत(Manoj rawat), राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा (Pradeep Tamta) के साथ ही पूर्व मंत्री नवप्रभात और राजेंद्र भंडारी ने भी हरक सिंह के विरोध में मोर्चा खोल दिया है।

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का प्रचार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में चल रहा है। चुनाव के मौके पर हरक सिंह की पार्टी में वापसी से हरीश रावत नाराज हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी को छिपाया तो नहीं, लेकिन हरक की वापसी पर सामूहिक फैसला लेने की बात कहकर पार्टी हाईकमान के पाले में गेंद सरका दी। दरअसल 2016 में कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए हरक सिंह को हरीश रावत कभी दिल से माफ नहीं कर पाए हैं।

अब 100 बार माफी मांगने को तैयार हैं हरक

उन्हें उज्याड़ू बल्द कहकर संबोधित करते रहे हरीश रावत ने अपना रुख नरम करते हुए हरक की वापसी में बाधा हटा तो ली, लेकिन इसके एवज में हरक को भी खूब मशक्कत करनी पड़ी है। 100 बार माफी मांगने और एक लाख बार झुकने को तैयार होने की बात उन्हें सार्वजनिक रूप से कहनी पड़ी है। फिर भी कांग्रेस में उनकी वापसी का रास्ता साफ नहीं हो सका है। यही नहीं हरक को कांग्रेस में शामिल किए जाने का विरोध तेज हो गया है।

पूर्व मंत्री नवप्रभात और राजेंद्र भंडारी भी विरोध में आए

पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने कहा कि हरक सिंह को लेकर सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि 2016 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रायोजित संकट खड़ा किया गया था। पार्टी इस कृत्य को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। उज्याड़ू बल्द से भला नहीं होने वाला है। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह भंडारी ने भी हरक सिंह रावत का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि हरक सिंह मामले में पार्टी को सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए। 2016 के दंश को भूला नहीं जा सकता। चमोली जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर हरक सिंह रावत की वापसी का विरोध किया है।

दलों को विचारधारा नहीं, सरकार बनाने से मतलब: प्रदीप टम्टा

राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने हरक सिंह को कांग्रेस में शामिल किए जाने को लेकर व्यंग्य किया है। उन्होंने कहा कि आज कई राजनीतिक दलों को सिर्फ सरकार बनाने से मतलब है तो कई राजनेताओं को स्वार्थ सिद्ध के लिए दल बदलने से भी परहेज नहीं है चाहे उन्हें अपनी विचारधारा ही क्यों न छोडऩी पड़े। वह शुरू से ही कांग्रेस पार्टी से उसकी समता, समरसता, समानता की विचारधारा और सामाजिक न्याय की अवधारणा के कारण जुड़े। 2016 में हरीश रावत सरकार में जो स्थिति पैदा हुई थी, उसी का नतीजा आज भी दिखाई दे रहा है। आज जो दल बदलने की ये प्रक्रियाएं हो रही हैं, सब उसी का परिणाम है।

सरकार गिराने वाले लूटना चाहते हैं सत्ता का मजा: मनोज रावत

केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने कहा कि हरक सिंह रावत 2016 में सरकार गिरा कर गए थे। तब वह पूरी तरह सरकार गिराने वाले मिशन को लीड कर रहे थे। पांच साल बाद मंत्री पद की मलाई चखने के बाद अब भाजपा सरकार आती हुई नजर नहीं आ रही है तो कांग्रेस में आना चाहते हैं। वह कांग्रेस में शामिल होकर सत्ता के मजे लूटना चाहते हैं। प्रदेश के श्रम मंत्री के तौर पर उनका राज्य के लिए कोई योगदान नहीं है। हरक को शामिल कराने का मतलब पार्टी के कर्मठ कार्यकर्त्ताओं का अपमान है। वह पार्टी हाईकमान को भी पत्र लिखकर अपनी बात कहेंगे।

हरक को टिकट तो चेहरा दान दूंगा: एसपी सिंह

हरक सिंह के कांग्रेस में शामिल होने और डोईवाला से चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बाद पार्टी के स्थानीय नेताओं ने भी तीखे तेवर दिखा दिए हैं। कांग्रेस नेता एसपी सिंह ने कहा कि हरक सिंह को डोईवाला से चुनाव लड़ाने का विरोध होगा। उनके जैसे विवादित व्यक्ति को इस सीट से नहीं लड़ाया जाना चाहिए। इसे सहन नहीं किया जाएगा। पार्टी हरक सिंह रावत को टिकट देती है तो नामांकन के दिन अपना चेहरा दान देंगे यानी अपना चेहरा खुद जला डालेंगे।

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