Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में फिर बदला मौसम, खिलेगी चटख धूप; जानिए कब पड़ेगी कड़ाके की ठंड
Uttarakhand Weather मानसून की विदाई के बाद अक्टूबर में शीतकाल शुरू हुआ लेकिन दो माह बाद भी कड़ाके की ठंड नहीं है। नवंबर सूखा रहने के कारण प्रदेशभर में तापमान सामान्य से अधिक बना रहा। अक्टूबर में भी वर्षा कम होने के कारण अब तक पारा सामान्य नहीं हो पाया है। अब तक शीतकाल में सामान्य से 41 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। पहाड़ों पर एक बार फिर से मौसम बदल गया है।। उत्तराखंड में मौसम फिर शुष्क हो गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं आंशिक बादल छाये रहे। मैदानी क्षेत्रों में चटख धूप खिलने से अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। पहाड़ से लेकर मैदान तक चटख धूप खिल सकती है। अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आंशिक बादल मंडराने के आसार हैं। तापमान सामान्य के आसपास बना रह सकता है। मैदानी क्षेत्रों में खासकर हरिद्वार और ऊधमसिंह जिले में उथला कोहरा छाने के आसार हैं।
इस बार नहीं पड़ रही कड़ाके की ठंड
मानसून की विदाई के बाद अक्टूबर में शीतकाल शुरू हुआ, लेकिन दो माह बाद भी कड़ाके की ठंड नहीं है। नवंबर सूखा रहने के कारण प्रदेशभर में तापमान सामान्य से अधिक बना रहा। अक्टूबर में भी वर्षा कम होने के कारण अब तक पारा सामान्य नहीं हो पाया है। अब तक शीतकाल में सामान्य से 41 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। हालांकि, अगले कुछ दिन मौसम शुष्क ही बना रहने का अनुमान है, लेकिन पारे में गिरावट के आसार हैं।
देखने को मिली मौसम की बेरुखी
नवंबर की शुरुआत से ही प्रदेश में मौसम की बेरुखी रही और पूरे माह वर्षा लगभग ना के बराबर हुई। खासकर मैदानी क्षेत्रों में शुष्क मौसम के चलते पारा सामान्य से अधिक बना रहा। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में सामान्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। जिससे दिन में हल्की गर्मी का अहसास बना रहा। हालांकि, पिछले कुछ समय से सुबह-शाम ठंड महसूस की जा रही है। प्रदेशभर में मानसून सीजन के अंत से ही वर्षा बेहद कम दर्ज की जा रही है। दिसंबर के शुरुआती सप्ताह में भी सूखा रहने की आशंका है।
देहरादून में तीन वर्ष से नवंबर सूखा
देहरादून में नवंबर में आमतौर पर पांच से सात मिमी वर्षा होती है। हालांकि, पिछले तीन वर्ष से नवंबर का महीना दून में बिल्कुल सूखा रहा है। इस दौरान पूरे माह कोई वर्षा दर्ज नहीं की गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार नवंबर पूरे वर्ष का वह माह होता है, जिसमें सबसे कम वर्षा होती है। हालांकि, इस बार सामान्य से आधी वर्षा ही हुई। ज्यादातर क्षेत्रों में यह माह सूखा ही रहा।
मानसून सीजन में वर्षा की स्थिति
जनपद - वास्तविक - सामान्य अंतर
टिहरी - 00 0.1 - 100
देहरादून - 0.2 0.3 - 10
नैनीताल - 00 0.2 - 100
पौड़ी - 00 0.2 - 100
चंपावत - 00 0.4 - 100
ऊधमसिंह नगर - 00 0.3 - 100
कुल औसत - 0.2 0.3 - 43
जनपद - वास्तविक - सामान्य अंतर
उत्तरकाशी - 1.1 0.4 - 186
अल्मोड़ा - 00 0.1 - 100
चमोली - 00 0.3 - 100
हरिद्वार - 00 0.3 - 100
रुद्रप्रयाग - 00 0.1 - 100
बागेश्वर - 00 0.1 - 100
पिथौरागढ़ - 00 0.1 - 100
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