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Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में मौसम के तेवर तल्ख, नदी-नाले उफान पर; कालसी-चकराता मोटर मार्ग की सुरक्षा दीवार ध्वस्त

Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में मानसून से दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। भारी बारिश के कारण पर्वतीय इलाकों में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। इससे सड़कें खतरनाक हो गई हैं। भूस्खलन होने से कई मार्ग अवरुद्ध भी हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 09 Aug 2021 04:23 PM (IST)
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उत्तराखंड में मौसम के तेवर तल्ख, सुबह से बारिश जारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में मानसून से दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। भारी बारिश के कारण पर्वतीय इलाकों में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। नदी-नाले भी उफान पर हैं। इससे सड़कें खतरनाक हो गई हैं। भूस्खलन होने से कई मार्ग अवरुद्ध भी हैं। 50 से अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कटा हुआ है। इससे वहां रसद व अन्य सामान की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही। चमोली में बारिश और भूस्खलन के कारण बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने से कई गांवों में दो दिन से बिजली गुल है। नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है और जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के कई इलाकों में अभी भारी बारिश का क्रम जारी रहेगा।

चार महीने पहले बनी सुरक्षा दीवार बारिश से धराशाई

कालसी-चकराता मोटर मार्ग के किलोमीटर 10 पर चार महीने पहले लोनिवि साहिया द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार धराशाई हो गई है। विभाग ने इस कार्य की निविदा लगाई थी और किसी ठेकदार के नाम पर टंडर हुआ था, लेकिन ठेकदार ने पेटी ठेकदार से सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य करवाया था, लेकिन घटिया गुणवत्ता के कारण सुरक्षा दीवार चार महीने भी नहीं टिक पाई। विभाग की अनदेखी के कारण घटिया सामग्री लगाने से दिवार गिर गई है। इस जगह पर बैंड पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ना तो यहां पैरापिट है और ना ही क्रैश पैराफिट हैं। उधर, लोनिवि के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह का कहना है कि ठेकदार से दोबारा से सुरक्षा दिवार लगवाई जायेगी।

राज्य में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग झड़कुला के समीप करीब 200 मीटर तक भूस्खलन की जद में है। तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग के पास हुए भूस्खलन से राजमार्ग को खासा नुकसान पहुंचा है। मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह ठप है। अन्य पर्वतीय जिलों में भी कई संपर्क मार्ग बाधित हैं।

उधर, कुमाऊं में रविवार को कहीं-कहीं जोरदार बारिश हुई। भूस्खलन से पिथौरागढ़ जिले के थल-मुनस्यारी मार्ग में वनिक के पास स्थिति बेहद खराब है। यहां पहाड़ से लगातार पत्थर गिर रहे हैं। इस कारण यह मार्ग लगातार तीसरे दिन यातायात के लिए बंद रहा। वाहन डीडीहाट-जौलजीबी-मदकोट होते हुए मुनस्यारी पहुंच रहे हैं। वहीं, तवाघाट-सोबला-दारमा मार्ग 53 दिन से बंद है। दूसरी तरफ, टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग के 22 दिन बाद सुचारू होने से श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई है।

लगातार हो रही बारिश से भिलंगना और भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इससे टिहरी झील का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को झील का जलस्तर 804.70 मीटर तक पहुंच गया। चेतावनी रेखा 830 मीटर पर है। रविवार को झील से 356 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक अगले दो दिन देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ में गरज के साथ भारी बारिश हो सकती है। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।

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