Uttarakhand Weather: उत्तराखंड के इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, कोटद्वार में बढ़ी लोगों की परेशानी
उत्तराखंड में बारिश का दौर जारी है। किसी इलाके में तेज बारिश हो रही है तो कहीं धूप खिली है। इसी बीच कोटद्वार में बारिश के चलते गदेरों का पानी और मलबा घरों में घुस गया है। लोगों की परेशानी बढ़ गई। पानी भर जाने की वजह से लोगों के घरों में रखा सामान बर्बाद हो गया है। 31 जुलाई तक पहाड़ों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
देहरादून, जागरण संवाददाता। उत्तराखंड में मानसून लगातार बदल रहा है। पहाड़ों पर 31 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मानसून की वर्षा का दौर इस सप्ताह भी जारी रहेगा। हालांकि, प्रदेश में अगले दो दिन भारी वर्षा नहीं होने की संभावना जताई गई है। केवल उत्तरकाशी, हरिद्वार जनपद और कुछ अन्य जगहों पर एक से दो दौर भारी वर्षा हो सकती है। इसे देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
शुक्रवार रात से शनिवार शाम तक कुमाऊं मंडल में ज्यादा वर्षा हुई है। इस दौरान भीमताल में 74.5, नैनीताल में 40.2, बाजपुर में 35.8 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। जबकि देहरादून में 22.4 व मसूरी में 21.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है। रात के समय चमोली और रुद्रप्रयाग जनपदों में हुई मूसलाधार वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे लामबगढ़ में चार घंटे बाधित रहा।
जारी रहा रुक-रुक कर बारिश का दौर
शनिवार को मालदेवता, रायपुर, जाखन, सहस्रधारा, एफआरआइ, बिधौली, कंडौली, कोटी कनासर आदि क्षेत्रों में दोपहर के समय रुक-रुक कर वर्षा हुई। देहरादून का अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम क्रमश: 29.9 व 22.8 डिग्री सेल्सियस रहा। मानसून की वर्षा का दौर चार अगस्त तक जारी रहने की संभावना है।
कोटद्वार में घरों में घुसा मलबा
कोटद्वार में बारिश से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। चारों ओर मकान में पानी व मलबा घुसने के बाद बर्बादी के मंजर को देख रहा गीता का परिवार कभी ईश्वर को कोस रहा था, तो कभी उसका शुक्रिया अदा कर रहा था। परिवार का कहना था कि ईश्वर की कृपा से उनका पूरा परिवार मलबा व पानी के बीच दबने से बच गया। जबकि, उन्हें इस बात का दुख है कि पूरी जिंदगी मेहनत-मजदूरी कर पाई-पाई जोड़ने के बाद खरीदा गया सामान आज उनकी आंखों के सामने बर्बाद हो गया है।
गदेरे उफान पर
कौड़िया बस्ती में अधिकांश परिवारों की यही स्थिति नजर आ रही थी। शुक्रवार रात वर्षा के दौरान ऊफान पर आया पनियाली गदेरा कौड़िया क्षेत्र में करीब सौ से अधिक परिवारों पर कहर बनकर टूटा। मेहनत-मजदूरी कर लौटने के बाद जब परिवार सोने की तैयारी कर रहा था, तो गदेरे का भारी मलबा व पानी बस्ती की ओर आ गया। देखते ही देखते घरों में घुटनों तक मलबा व पानी भर गया। परिवारों ने सामान व मकान की चिंता छोड़ सबसे पहले अपनों को सुरक्षित बाहर निकालने की जद्दोजहद शुरू की।
लोगों ने शेड के नीचे बिताई रात
पूरी रात कौड़िया बस्ती के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे यात्री शेड के नीचे रात बिताते हुए सैकड़ों परिवार ईश्वर से गदेरे की तबाही को रोकने की प्रार्थना करते रहे। तबाही देख भर आई आंखें पूरी रात यात्री शेड के नीचे रात बिताने के बाद जब सुबह कौड़ियावासी अपने आशियानों को देखने गए तो तबाही के मंजर को देख उनकी आंखें भर आई। पूरे दिन परिवार के सदस्य कमरों में भरे मलबे को बाहर निकालने में जुटे हुए थे।
घर की जमापूंजी हुई बर्बाद
घरों में रखा फ्रिज, टीवी, बेड सहित अन्य सामान पूरी तरह बर्बाद हो चुका था। रसोई घर में भी राशन व अन्य खाद्य पदार्थ मलबे की भेंट चढ़ गया था। बच्चे भी मलबे के बीच अपनी किताब व कापी को खोजते रहे। बस्ती को जाने वाली पेयजल लाइन टूटने के बाद परिवारों को पीने तक का पानी नहीं मिला।