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Uttarakhand Lockdown Effect : प्रदूषण कम होने से नानक सागर डैम समुद्र जैसा चमकने लगा

नानक सागर डैम भी इससे अछूता नहीं है। हमेशा मटमैला रंग का नजर आने वाले नानक सागर डैम का पानी आजकल समुद्र जैसा नीला चमकदार और साफ हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Sun, 12 Apr 2020 09:11 AM (IST)
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Uttarakhand Lockdown Effect : प्रदूषण कम होने से नानक सागर डैम समुद्र जैसा चमकने लगा

सितारगंज, जेएनएन : लॉकडाउन में कम हुए पदूषण का असर हर तरफ साफ नजर आ रहा है। नानक सागर डैम भी इससे अछूता नहीं है। हमेशा मटमैला रंग का नजर आने वाले नानक सागर डैम का पानी आजकल समुद्र जैसा नीला चमकदार और साफ हो गया है। लॉकडाउन में कृषि कार्य शिथिल पड़ने कारण सिंचाई के लिए पानी की डिमांड भी नहीं है। इसी वजह से अप्रैल में नानक सागर का जलस्तर 10 फीट अधिक बढ़ा हुआ है। ऐसे में यदि वर्षा काल में बारिश न भी हुई तो पहाड़ों की नदियों से संचित इस सागर में भरा पानी खेतों की भरपेट प्यास बुझाने में सक्षम बना रहेगा।

डैम में पहाड़ की छोटी बड़ी नदियों का पानी संचित

लॉक डाउन का प्रभाव नानक सागर पर स्पष्ट दिखाई देने लगा है। प्रदूषण ना होने की वजह से डैम का पानी नीला चमकदार होकर खूबसूरत नजर आ रहा है। वैसे सागर का पानी मटमैले रंग का हमेशा बना रहता था। इन दिनों इठलाती हुई सागर की लहरें अद्भुत नजर आ रही हैं। वहीं अप्रैल के महीने में नानक सागर का जलस्तर 690 फीट पर हुआ करता था। लेकिन इस समय ठप पड़े कृषि कार्य की वजह से मौजूदा समय में नानक सागर का जलस्तर 700 फीट पर बना हुआ है। जो सामान्य जल स्तर से 10 फीट से अधिक है। वर्ष 1962 में बने इस जलाशय में पहाड़ की छोटी बड़ी नदियों का पानी संचित होता है। जलाशय के इस संचित पानी से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 96750 एकड़ खेतों में सिंचाई की जाती है। जलाशय में 59. 82 मिलियन घन मीटर पानी संचित करने की क्षमता है।

अभी तक सिंचाई के लिए नहीं छोड़ा गया है डैम का पानी

लॉक डाउन की वजह से खेती के कार्य ठप हो गए थे। गेहूं की कटाई भी प्रभावित हो गई थी। इस वजह से अभी तक खेतों में सिंचाई के लिए कहीं से कोई डिमांड नहीं आई है। जलाशय का यह पानी अभी तक सिंचाई के लिए अप्रैल के महीने में नहीं छोड़ा गया है। हालांकि अब कृषि कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने शर्तों के साथ किसानों को गेहूं की कटाई और कृषि कार्य करने की छूट दे दी है । डैम के रेख देख करने वाले अधिकारियों का मानना है कि इस बार फरवरी-मार्च में बारिश होने की वजह से जलाशय से पानी छोड़ने की मांग कम हुई थी। इसीलिए जलाशय में पानी 10 फीट अधिक भरा हुआ है।

भूगर्भ जल का स्तर भी गर्मियों में भी ठीक रहेगा

डैम की देखरेख करने वाले सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता एसके सिंह का कहना है कि प्रदूषण न होने की वजह से नानक सागर का पानी समुद्र जैसा नीला और चमकदार हो गया है। उन्होंने बताया कि बीते महीने में बारिश की वजह से अभी तक पानी की डिमांड भी नहीं आई है इसी वजह से डैम से पानी अप्रैल के महीने में छोड़ा नहीं गया है। यही वजह है कि डैम का जलस्तर 10 फीट अधिक बना हुआ है। उन्होंने बताया कि जलस्तर में वृद्धि बनी होने से आसपास के क्षेत्र में भूगर्भ जल का स्तर भी गर्मियों के महीने में ठीक रहने की संभावना है।

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