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स्लो ग्रोइंग प्लांट घर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ ऑक्सीजन के बेहतर वाहक भी

घर की शोभा बढाने वाले पौधे शुद्ध ऑक्सीजन के लिहाज से भी बेहतर हैं। यह कमरे के वातावरण को भरपूर ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। किच्छा में नर्सरी के संचालक बलदेव ठुकराल बताते हैं कि इन पौधों की सर्वाधिक डिमांड होती है। शहरों में लोगों के पास जगह नहीं है।

By Skand ShuklaEdited By: Updated: Wed, 30 Sep 2020 04:42 PM (IST)
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घर में कमरों के अंदर शोभा बढाने वाले पौधे शुद्ध ऑक्सीजन के लिहाज से भी बेहतर हैं। य

रुद्रपुर, जेएनएन : घर में कमरों के अंदर शोभा बढाने वाले पौधे शुद्ध ऑक्सीजन के लिहाज से भी बेहतर हैं। यह कमरे के वातावरण को भरपूर ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। किच्छा में नर्सरी के संचालक बलदेव ठुकराल बताते हैं कि इन पौधों की सर्वाधिक डिमांड होती है। शहरों में लोगों के पास जगह नहीं है। कमरे के अंदर इन पौधों को कम जगह पर गमले में लगाया जा सकता है। इनको स्लो ग्रोइंग सेड लविंग प्लांट कहते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अन्य पौधों की तुलना में यह सालों साल हरे बने रहते है और घर के वातावरण को हर पल स्वच्छ और ऑक्सीजन से भरपूर रखने में सहायक हैं।

हर 15 दिन में दिखानी होती है धूप

स्लो ग्रोइंग प्लांट के रखरखाव में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। दूसरे पौधों की तुलना में इनको हर 15 दिन में धूप की आवश्यकता पड़ती है। जबकि फूलों के पौधों सहित दूसरे सजावटी पौधे पानी और धूप दोनों भरपूर मांगते हैं। स्लो ग्रोइंग प्लांट्स को पानी की आवश्यकता न के बराबर होती है। इनको हल्के पानी की फुहार दो से तीन महीनों के अंतराल पर चाहिए।

ये हैं कुछ खास स्लो ग्रोइंग प्लांट्स

किच्छा में करीब 13 एकड़ जमीन पर नर्सरी कर रहे बलदेव ठुकराल ने बताया कि उनके यहां स्लो ग्रोइंग प्लांट्स की किस्मों में बिफन बेचिया, स्नेक प्लांट और एलोनिमा खास तौर पर उपलब्ध है। जिसमें सर्वाधिक मांग एरिमा पाम की है।

15 साल में बढ़कर होते हैं 12 फिट

स्लो ग्रोइंग प्लांट्स की खास बात यह है कि इनकी वृद्धि दर बहुत कम होती है। कमरे के अंदर रखे ऐसे पौधे 15 साल में 12 फिट तक ही बढ़ सकते हैं। घर में छाया वाले स्थान पर रखने से यह हवा को निरंतर स्वछ करने में सहायक हैं।

घर मे शुद्ध हवा के लिए ये पौधे सहायक

जिला उद्यान अधिकारी हरिश्चंद्र तिवारी ने बताया कि स्लो ग्रोइंग प्लांट आज के समय मे बेहतरीन ऑक्सीजन के वाहक हैं। शहर के वातावरण में जहां घरों के सामने पर्याप्त जगह का अभाव है, ऐसे में कमरों और घर में शुद्ध हवा के लिए ये पौधे सहायक सिद्ध हो रहे हैं। लगभग हर साल दो से तीन लाख पौधे इन वैरायटी के बिक जाते हैं। कई नर्सरी संचालक इस पर बेहतर काम कर रहे है।