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Uttarkashi News: मिनी कुंभ की तरह नजारा, ढोल-नगाड़े और शंख की ध्वनि से गूंजी काशी नगरी

Uttarkashi News सोमवार तड़के से इस पर्व पर उत्तरकाशी में मिनी कुंभ की तरह नजारा है। उत्तरकाशी को लेकर मान्यता है कि मकर संक्रांति पर स्वर्ग से देवता भी यहां भागीरथी में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। परंतु मकर संक्रांति पर्व पर टिहरी और उत्तरकाशी से बड़ी संख्या में देव डोलियों और देवताओं के निशानों को श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के लिए लाया।

By Jagran News Edited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 15 Jan 2024 09:57 AM (IST)
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Uttarkashi News: मिनी कुंभ की तरह नजारा, ढोल-नगाड़े और शंख की ध्वनि से गूंजी काशी नगरी

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। भागीरथी के किनारे बसे उत्तरकाशी का प्रमुख उत्सव मकर संक्रांति का है। सोमवार तड़के से इस पर्व पर उत्तरकाशी में मिनी कुंभ की तरह नजारा है। गंगा घाटों से लेकर सड़क गलियां तथा मंदिरों के दर तक ढोल नगाड़े और शंख की ध्वनि से गूंज उठे। ढोल की थाप पर जगह-जगह स्थानीय लोगों ने पारंपरिक गीतों पर नृत्य कर रहे हैं।

उत्तरकाशी में बीते रविवार की शाम से देव डोलियां आनी शुरू हो गई थी। हर देव डोली के साथ कम से कम दो जोड़ी ढोल दमाऊ के आए। गंगा स्नान से लेकर कंडार देवता मंदिर दर्शन, विश्वनाथ मंदिर दर्शन, भैरव मंदिर दर्शन, पशुराम मंदिर दर्शन, कालेश्वर मंदिर, शक्ति मंदिर के दर्शन के समय ढोल नगाड़ों तथा शंख की ध्वनि गूंज रही है। जिससे पूरा शहर गूंज उठा।

मकर संक्रांति स्नान पर्व को देवताओं का स्नान का पर्व कहा जाता है। उत्तरकाशी को लेकर मान्यता है कि इसदिन स्वर्ग से देवता भी यहां भागीरथी में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। परंतु मकर संक्रांति पर्व पर टिहरी और उत्तरकाशी से बड़ी संख्या में देव डोलियों और देवताओं के निशानों को श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के लिए लाया।

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