भ्रष्टाचार मामले में हाई कोर्ट ने सरकार पर लगाया जुर्माना, CID की याचिका भी खारिज की
कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार महिला सहकारी समिति के 50 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में ममता सरकार पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सीआइडी ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा पारित फैसले की समीक्षा की मांग की। सीआइडी ने जांच उन्हें सौंपने का अनुरोध किया लेकिन जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीआइडी की याचिका खारिज कर दी।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 06:19 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार महिला सहकारी समिति के 50 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में ममता सरकार (Mamata Govt) पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
सीआइडी पिछले तीन साल से वित्तीय भ्रष्टाचार की जांच कर रही थी, लेकिन उनकी जांच से असंतोष जताते हुए जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीबीआइ और ईडी को जांच सौंपने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई।
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सीआइडी ने न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय द्वारा पारित फैसले की समीक्षा की मांग की। सीआइडी ने जांच उन्हें सौंपने का अनुरोध किया, लेकिन जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीआइडी की याचिका खारिज कर दी।
सीबीआइ ने कोर्ट में दावा किया कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सीआइडी ने इस मामले में उन्हें कोई दस्तावेज नहीं सौंपा। इसके बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने आदेश दिया कि 18 सितंबर तक सभी दस्तावेज केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिए जाएं। अगर दस्तावेज सीबीआइ को नहीं सौंपे गए तो गृह सचिव को तलब किया जाएगा।
CID ने लंबे समय तक की जांच
इसके बाद जस्टिस गंगोपाध्याय की सीआइडी पर टिप्पणी की कि मैं जानता हूं कि पैसे का गबन किसने किया, जो लोग साइकिल से चलते थे वे अब गरीबों का पैसा खाकर कार से चल रहे हैं। कोर्ट के साथ खेल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा,
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीबीआइ को तलब करने के साथ ही कहा कि यह 50 करोड़ का भ्रष्टाचार है। गरीबों का पैसा हड़प लिया गया है। गांव के लोग सब्जियां बेचकर पैसे रखते थे। धोखा दिया गया है। फिर उन्होंने ईडी से कहा कि जो भी प्रभावशाली है उसे गिरफ्तार करो। उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जितनी जल्दी हो सके जांच शुरू करें। पिछले अगस्त में कलकत्ता हाई कोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच ने वित्तीय धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई की थी। उस सुनवाई में वादियों में से एक कल्पना दास ने आरोप लगाया कि उसने अलीपुरद्वार महिला सहकारी समिति में 21,163 रुपये का निवेश किया था।आपने (सीआइडी) इतने लंबे समय तक जांच की, कुछ क्यों नहीं हुआ? जांच आगे नहीं बढ़ने पर इसे सीबीआइ को दे दिया गया। अगर तीन दिन के भीतर दस्तावेज सीबीआइ को नहीं सौंपे गए तो मैं गृह सचिव को तलब करूंगा।