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Study: कोरोना काल में 17 हजार मौतों की जिम्मेदार ये दवा! डॉक्टरों ने मरीजों को बेधड़क दी थी लेने की सलाह

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है। इस स्टडी में कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की सलाह दी थी और अब इस दवा को 17 हजार मौतों का जिम्मेदार माना जा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेने की अपील की थी।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 06 Jan 2024 07:32 PM (IST)
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कोरोना काल में इस्तेमाल हुई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा (फाइल फोटो)
आईएएनएस, वाशिंगटन। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है। इस स्टडी में कहा गया कि कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की सलाह दी थी और अब इस दवा की वजह से 17 हजार मौतों का अनुमान लगाया जा रहा है। 

बकौल रिपोर्ट, फ्रांसीसी शोधकर्ताओं द्वारा की गई स्टडी में पाया गया कि मार्च से जुलाई 2020 तक कोविड-19 की पहली लहर के दौरान बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दिए जाने के बाद छह देशों में लगभग 17 हजार लोगों की मौत हो गई होगी।

डोनाल्ड ट्रंप ने की थी यह अपील

कोरोना महामारी के दौरान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेने की अपील की थी, जिसका इस्तेमाल अक्सर रुमेटीइड गठिया और ल्यूपस के इलाज के लिए किया जाता है। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि वह खुद 'चमत्कारी दवा' ले रहे हैं।

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बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की दवा है जिसका इस्तेमाल कोविड-19 के उपचार में भी बड़े पैमाने पर किया गया था।

बायोमेडिसिन एंड फार्माकोथेरेपी के फरवरी अंक में प्रकाशित स्टडी से पता चलता है कि मौतों की संख्या में इजाफा हार्ट एरिथमिया और मसल वीकनेस जैसे दुष्प्रभावों की वजह से हुआ।

बकौल रिपोर्ट, स्टडी में जिन छह देशों का जिक्र है, उसमें अमेरिका, तुर्किए, बेल्जियम, फ्रांस, स्पेन और इटली शामिल है।

कहां कितनी मौतें हुईं?

क्रमांक देश मौत
1 अमेरिका 12,739
2 स्पेन 1,895
3 इटली 1,822
4 बेल्जियम 240
5 फ्रांस 199
6 तुर्किए 95
शोधकर्ताओं ने कहा कि मौतों की संख्या बहुत अधिक हो सकती है, क्योंकि उनकी स्टडी में मार्च और जुलाई 2020 के बीच केवल छह देशों को शामिल किया गया है।

विज्ञानियों ने विभिन्न अध्ययनों (स्टडी) का विश्लेषण किया, जिसमें कोरोना महामारी की वजह से अस्पताल में भर्ती होने और दवा के संपर्क और इससे संबंधित जोखिम पर नजर रखी गई।

विज्ञानियों ने दिया था दवा के इस्तेमाल का सुझाव

बकौल रिपोर्ट, कोरोनो वायरस के प्रकोप के बाद विज्ञानियों ने सुझाव दिया कि यह दवा संक्रमण के इलाज में प्रभावी हो सकती है। 28 मार्च, 2020 को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी और क्लीनिकल ट्रायल शुरू किए।

हालांकि, एफडीए ने जून 2020 में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी को रद्द कर दिया, क्योंकि न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी सहित कई स्टडी में पाया गया कि कोरोना वायरस पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोई फायदा नहीं था और इससे मृत्यु के जोखिम में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।