पीएम मोदी की यात्रा से पहले व्हाइट हाउस पहुंचे खालिस्तान समर्थक, अमेरिकी अधिकारियों से क्या हुई बातचीत?
PM Modi US Visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा पर पहुंचे हैं। लेकिन उनकी यात्रा से ठीक पहले अमेरिका ने अपने कदम से सबको चौंका दिया। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने खालिस्तान समर्थक नेताओं से मुलाकात की है। अमेरिकी अधिकारियों की ओर से इस तरह की बैठक पहली बार की गई है।
पीटीआई, वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने खालिस्तान समर्थक नेताओं से मिलकर सबको चौंका दिया है। अधिकारियों ने सिख नेताओं को आश्वासन दिया कि अमेरिका सरकार सभी अमेरिकियों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह इस तरह की पहली बैठक थी।
व्हाइट हाउस परिसर में गुरुवार को हुई इस बैठक में अमेरिकन सिख काकस कमेटी के संस्थापक प्रीतपाल सिंह, सिख गठबंधन और सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रीतपाल सिंह ने बताया कि सिख अमेरिकियों की जान बचाने और हमारे समुदाय की सुरक्षा में सतर्कता बरतने के लिए हमें संघीय सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों का आभार व्यक्त करने का मौका मिला। हमने उनसे और अधिक काम करने को कहा है। हम उनके इस आश्वासन पर कायम रहेंगे कि वे ऐसा करेंगे।
बैठक के बारे में ज्यादा डिटेल उपलब्ध नहीं
प्रीतपाल सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में अमेरिकी सिखों की सुरक्षा में सतर्कता बरतने के लिए अमेरिकी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'हम उनसे हमारे समुदाय की सुरक्षा के लिए और अधिक कार्य करने का आश्वासन देने के लिए कहेंगे। स्वतंत्रता और न्याय की जीत होनी चाहिए।'
ऐसा पहली बार हुआ है, जब राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इन सिख कार्यकर्ताओं और सिख अलगाववादियों के साथ बैठक की है। बैठक के बारे में कोई अन्य विवरण उपलब्ध नहीं है। व्हाइट हाउस की पहल पर यह बैठक हुई थी। इस सप्ताह की शुरुआत में खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत सरकार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया। इसके बाद न्यूयॉर्क के जिला न्यायालय ने मामले में समन जारी किया।
हत्या की साजिश का आरोप
यह मुकदमा भारत सरकार और डोभाल तथा निखिल गुप्ता के खिलाफ दायर किया गया है। निखिल गुप्ता पर पिछले साल नवंबर में अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने भारत के एक सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है।