TikTok Ban In US: अमेरिका में टिकटाक हुआ बैन तो खफा हुआ चीन, चीनी प्रवक्ता बोले- ये प्रतिस्पर्धा न कर पाने की खीज है
TikTok Ban In US भारत और अन्य देशों के बाद अब अमेरिका में भी शार्ट वीडियो एप टिकटाक को बैन कर दिया गया है। अमेरिका के इस फैसले पर चीन ने विरोध जताया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि यह निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने कहा इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि टिकटाक अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा है।
रायटर, वाशिंग्टन। TikTok Ban In US: अमेरिका के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में बुधवार को शार्ट वीडियो एप टिकटाक पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। टिकटाक पर बैन लगने के बाद चीन ने कड़ा एतराज जताया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि यह निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि टिकटाक अमेरिकी सुरक्षा के लिए खतरा है। यह कार्रवाई प्रतिस्पर्धा न कर पाने की खीज है। प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित प्रस्ताव में टिकटाक के सामने दो विकल्प रखे गए हैं, या तो छह महीने में उसकी मूल कंपनी टिकटाक को अमेरिका में बेच दे या तो फिर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध के लिए तैयार रहे।
टिकटाक पर प्रतिबंधों की श्रृंखला में यह एक नया प्रयास है। इससे पहले भारत, यूरोपीय यूनियन और कनाडा आदि इस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।
अमेरिकी सांसदों ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने टिकटाक को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए 2020 में ही इस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन हमारे यहां इस पर अब विचार किया जा रहा है।
वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने आरोप लगाया कि अमेरिका का ये रुख अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और प्रतिस्पर्धा का सरासर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की बात कहना कोरी बकवास है। इस दौरान वेनबिन ने चेतावनी दी कि प्रतिबंध की इस कार्रवाई का अमेरिका पर उल्टा असर भी हो सकता है।
बुधवार को प्रतिनिधि सभा में टिकटाक की वर्तमान स्वामित्व संरचना को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए 65 के मुकाबले 352 मतों से पारित किया गया। अब इसे उच्च सदन सीनेट में भेजा जाएगा। 15 करोड़ अमेरिकियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाला टिकटाक, चीनी प्रौद्योगिकी फर्म बाइटडांस लिमिटेड की सहायक कंपनी है।
अमेरिकी सांसदों ने तर्क दिया कि बाइटडांस पर चीनी सरकार का नियंत्रण है। ऐसे में चीनी सरकार चाहे तो अमेरिकी टिकटाक यूजर्स के डाटा तक पहुंच की मांग कर सकती है।
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