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अजय बंगा

Know about Ajay Banga Life and Carrer Details मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अजय बंगा को गुरुवार वर्ल्ड बैंक का प्रमुख नामित किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें नामित किया। इससे पहले डेविड मलपास वर्ल्ड बैंक के प्रमुख थे। (File Photo)

By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 24 Feb 2023 01:25 PM (IST)
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Ajay Banga Ex CEO Mastercard: कौन हैं भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक अजय बंगा?

वाशिंगटन, रायटर्स। मास्टरकार्ड के पूर्व सीईओ अजय बंगा विश्व बैंक के नए बॉस होंगे। डेविड मालपास द्वारा इस्तीफे की पेशकश के बाद उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा इस पद के लिए नामांकित किया गया है। बाइडेन ने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थितियों को देखते हुए भारतीय-अमेरिकी अजय बंगा इस वैश्विक संस्था का नेतृत्व करने के लिए आदर्श विकल्प हैं। बंगा वर्तमान में जनरल अटलांटिक के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं।

अजय बंगा का अब तक का करियर शानदार रहा है। तीन दशक से अधिक समय तक उन्होंने सफल बिजनेस लीडर और आंत्रप्रेन्योर की भूमिकाओं का निर्वहन किया है। कंपनियों के निर्माण और प्रबंधन में उन्होंने लंबा समय बिताया है। आइए, उनकी जीवन-यात्रा पर एक नजर डालते हैं।

कौन हैं अजय बंगा?

63 वर्षीय अजय बंगा भारतीय-अमेरिकी नागरिक हैं। अजय बंगा के पिता का नाम हरभजन सिंह बंगा है। वे भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उनके परिवार की जड़ें जालंधर, पंजाब से हैं। अजय बंगा महाराष्ट्र के पुणे में बड़े हुए, जहां उनके पिता तैनात थे। अजय बंगा ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र से स्नातक किया। आगे की शिक्षा उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से पूरी की। 

मास्टरकार्ड के सीईओ रह चुके हैं अजय बंगा

अजय बंगा अगस्त 2009 में मास्टरकार्ड में अध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में शामिल हुए। इसके बाद उन्हें अप्रैल, 2010 में मास्टरकार्ड का सीईओ नामित किया गया। वहीं, 1996 में सिटीग्रुप में शामिल होने से पहले बंगा ने नेस्ले इंडिया के साथ 13 साल तक काम किया और पेप्सिको में भी दो साल काम किए। पेप्सिको में बंगा में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सीईओ सहित विभिन्न पदों पर काम किया।

कुछ ऐसा रहा बंगा का करियर

  • नेस्ले इंडिया में 13 साल और पेप्सिको में उन्होंने दो साल बिताए।
  • 1996 में वह सिटीग्रुप में शामिल हो गए, जहां उन्होंने सीईओ के रूप में एशिया-प्रशांत क्षेत्र का नेतृत्व किया।
  • अप्रैल 2010 में, मास्टरकार्ड ने घोषणा की कि अजय बंगा अध्यक्ष और सीईओ के रूप में फर्म का नेतृत्व करेंगे। 12 वर्षों वह मास्टरकार्ड के शीर्ष पद पर रहे। उन्होंने उन लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल किया, जो अब तक इससे वंचित थे।
  • कोविड महामारी के दौरान उन्होंने 19,000 कर्मचारियों की छंटनी को टाल दिया। उनके कार्यकाल के दौरान फर्म के नेटवर्क पर पर्चेसिंग दोगुने से अधिक हो गई। उस दौरान राजस्व और कमाई लगभग तीन गुना हो गई। उन्होंने डर्बिन संशोधन पर नियामकों और कानूनविदों के साथ समझौता किया। इससे यह व्यापारियों को बहुत राहत मिली।
  • जलवायु, लैंगिक विषमताओं और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी उन्होंने कई सुधार किए।
  • 2021 में मास्टरकार्ड से सेवानिवृत्त होने के बावजूद बंगा ने एक निजी इक्विटी फर्म, जनरल अटलांटिक में शामिल होने का विकल्प चुना। यहां उनकी भूमिका वाइस चेयरमैन की थी।
  • उन्होंने यूएस वाइस प्रेजिडेंट कमला हैरिस के साथ मध्य अमेरिका के लिए साझेदारी के सह-अध्यक्ष के रूप में काम किया।
  • यूएस में त्रिपक्षीय आयोग के सदस्य रहे।
  • यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम के संस्थापक ट्रस्टी के रूप में काम किया।
  • यूएस-चीन संबंधों पर राष्ट्रीय समिति के पूर्व सदस्य रहे।
  • अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष। 2020-2022 तक अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के बाद इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानद अध्यक्ष रहे।
  • पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ काम करने का अनुभव। ओबामा ने बंगा को 2015 में व्यापार नीति के लिए राष्ट्रपति की सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया था।
  • 2016 में भारत सरकार ने बंगा को चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म-श्री से सम्मानित किया।

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