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चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका व उसके कुछ सहयोगियों की 'पुरानी शीत युद्ध मानसिकता' के लिए आलोचना की

चीन और अमेरिका के बीच तनाव जारी है। इस बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका और उसके कुछ सहयोगियों की पुरानी शीत युद्ध मानसिकता के लिए आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि शीत युद्ध के नेतृत्व का पुराना सपना एक आशाजनक भविष्य बनाने में मदद नहीं करेगा।

By TaniskEdited By: Updated: Sun, 04 Jul 2021 08:47 AM (IST)
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चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका की आलोचना की।

बीजिंग, एएनआइ। चीन और अमेरिका के बीच तनाव जारी है। इस बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका और उसके कुछ सहयोगियों की 'पुरानी शीत युद्ध मानसिकता' के लिए आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की शीत युद्ध की मानसिकता से कोई जीत हासिल नहीं होगी, सिर्फ सपने ही देखे जा सकते हैं। इस मानसिकता से बेहतर दुनिया का निर्माण तो असंभव ही है। चीनी विदेश मंत्री ने शनिवार को बीजिंग में 9वें विश्व शांति मंच (9th World Peace Forum in Beijing) के उद्घाटन समारोह में यह बात कही। ताइवान के सवाल पर भी वांग ने अमेरिका की आलोचना की।

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार वांग ने कहा कि अमेरिका ताइवान पर जोखिम लेने की कोशिश कर रहा है। यह बेहद गलत और खतरनाक है। उन्होंने आगे कहा कि चीन का पूर्ण एकीकरण प्राप्त करना एक ऐतिहासिक प्रवृत्ति है और कोई भी व्यक्ति या शक्ति उसे ऐसा करने से रोक नहीं सकती है। बता दें कि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। लगभग 24 मिलियन लोगों का यह देश मुख्य भूमि चीन के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित है। दोनों ही देशों में पिछले सात दशकों से अधिक समय से अलग-अलग सरकारें हैं।

ताइवान को लेकर चीन ने अमेरिका को चेताया

चीन और ताइवान में भी तनाव जारी है। इस बीच ताइवान को लेकर चीन ने अमेरिका को चेताया है और उसके दावे को चुनौती देने वाली किसी भी कार्रवाई की निंदा की है। समारोह के दौरान वांग ने एक उदाहरण तौर पर अमेरिका की इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी का भी हवाला दिया। उन्होंने इसे इतिहास का प्रतिगमन बताते हुए कूड़ेदान में फेंकने की बात कही।

आज का चीन अब 100 साल पहले वाला देश नहीं रहा

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में के अनुसार इस दौरान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 1 जुलाई को 100 साल पूरे होने पर भी विदेश मंत्री वांग ने प्रतिक्रिया दी। इसे लेकर उन्होंने कहा कि आज का चीन अब 100 साल पहले वाला देश नहीं रहा।