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'WTO के मंच पर किसान व मछुआरों के हितों की रक्षा में सफल रहा भारत', MC13 की समाप्ति के बाद बोले पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत इस कॉन्फ्रेंस से पूरी तरह संतुष्ट है। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत गैर व्यापारिक मुद्दों को डब्ल्यूटीओ के मंच पर चर्चा के लिए आने से रोकने में सफल रहा। चीन विकास के लिए निवेश सहमति पत्र पर तो यूरोप औद्योगिक नीति पर एमसी13 में चर्चा करना चाहता था।

By Jagran News Edited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 02 Mar 2024 08:42 PM (IST)
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केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (फाइल फोटो)

राजीव कुमार, अबूधाबी। डब्ल्यूटीओ के मिनिस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस13 की समाप्ति के बाद वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि भारत इस कॉन्फ्रेंस से पूरी तरह संतुष्ट है। इससे हमारे किसान व मछुआरों का हित कहीं से प्रभावित नहीं होगा और हम पहले की तरह उन्हें हर प्रकार का लाभ देते रहेंगे और नीतिगत रूप से भी हमें इसमें कोई बाधा नहीं आएगी।

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार पहले की तरह किसानों से अनाज खरीदती रहेगी और उन्हें सब्सिडी भी देती रहेगी। मछुआरों को भी पहले की तरह सरकार की तरफ से मिलने वाली तमाम सुविधाएं व सब्सिडी जारी रहेंगी।

क्या कुछ बोले पीयूष गोयल?

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत गैर व्यापारिक मुद्दों को डब्ल्यूटीओ के मंच पर चर्चा के लिए आने से रोकने में सफल रहा। चीन विकास के लिए निवेश सहमति पत्र पर तो यूरोप औद्योगिक नीति पर एमसी13 में चर्चा करना चाहता था। 26 फरवरी से लेकर एक मार्च तक अबूधाबी में एमसी13 का आयोजन किया गया।

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उन्होंने कहा कि कमोबेश हम जिस उद्देश्य के साथ अबूधाबी आए थे, उसे हमने प्राप्त कर लिया है और हम पूरी संतुष्टि के साथ वापस जा रहे है। हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य अपने किसान व मछुआरों की रक्षा करना था। हालांकि, डब्ल्यूटीओ के एमसी13 में पब्लिक स्टॉक होल्डिंग (PSH) को लेकर स्थायी समाधान या विकसित देशों द्वारा मछुआरों को दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती जैसे किसी भी बड़े मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बनी सकी, लेकिन 2013 में डब्ल्यूटीओ के एमसी में सभी देशों ने पीस क्लाज पर हस्ताक्षर किए थे जिससे किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को कोई चुनौती नहीं दी सकती है।

वस्तुओं के आयात पर सीमा शुल्क की छूट की अवधि में इजाफा

एमसी13 में ई-कामर्स के जरिए डिजिटल रूप में आने वाली वस्तुओं के आयात पर सीमा शुल्क की छूट की अवधि को फिर से दो साल के लिए बढ़ा दिया गया, जबकि भारत इस छूट को समाप्त करने के पक्ष में था। हालांकि, इस फैसले से डिजिटल रूप में विदेश से आने वाली किताब या फिल्म जैसे आइटम के महंगे होने की आशंका समाप्त हो गई।

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दो नए देश को मिली सदस्यता

भारत सीमा शुल्क छूट को हटाने के पक्ष में यह दलील दे रहा था कि एक संप्रभु देश के पास यह अधिकार होना चाहिए कि वह अपने उद्योग के हित में जरूरत पड़ने पर सीमा शुल्क लगा सके। ई-कामर्स के जरिए डिजिटल उत्पादों के निर्यात में अधिकतर हिस्सेदारी विकसित देशों की है। एमसी13 में दो नए देश कोमोरोस और तिमोर-लेस्टे को डब्ल्यूटीओ की सदस्यता दी गई। इसके साथ ही डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों की संख्या 166 हो गई। 22 और देशों ने डब्ल्यूटीओ की सदस्यता के लिए आवेदन किया है।

एमसी13 में एक और महत्वपूर्ण फैसला यह लिया गया कि अति कम विकसित देशों (एलडीसी) को अपने दायरे से बाहर निकलकर विकासशील देशों के दायरे में शामिल होने पर पहले तीन साल उन्हें विभिन्न व्यापारिक राहत जारी रहेगी।