Israel Hamas war: रफाह के भीतर पहुंचे इजरायली टैंक, 5 लाख फलस्तीनियों ने किया पलायन! युद्धविराम के भी थमे प्रयास
Israel-Hamas war मिस्र सीमा पर बसे गाजा के शहर रफाह के पूर्वी भाग में इजरायल के टैंक और अंदर तक पहुंच गए हैं और वहां पर लड़ाई जारी है। सहयोगी देशों के लगातार आगाह किए जाने के बावजूद इजरायली सेना रफाह में आगे बढ़ती जा रही है और वहां पर उसकी हमास के लड़ाकों से लड़ाई चल रही है।
रायटर, यरुशलम। मिस्र सीमा पर बसे गाजा के शहर रफाह के पूर्वी भाग में इजरायल के टैंक और अंदर तक पहुंच गए हैं और वहां पर लड़ाई जारी है। गाजा के अन्य हिस्सों में भी लड़ाई चल रही है। हमास और इस्लामिक जिहाद ने कहा है कि जबालिया में उनके लड़ाके इजरायली सेना से लोहा ले रहे हैं। इस लड़ाई में अभी तक 35,173 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं।
रफाह में तेजी से आगे बढ़ रही इजरायली सेना
सहयोगी देशों के लगातार आगाह किए जाने के बावजूद इजरायली सेना रफाह में आगे बढ़ती जा रही है और वहां पर उसकी हमास के लड़ाकों से लड़ाई चल रही है। इजरायल ने कहा है कि क्षेत्र में हमास की चार बटालियन मौजूद हैं। इस बीच, इजरायली सेना की चेतावनी पर रफाह से करीब 4,50,000 फलस्तीनियों के बाहर जाने की सूचना है। लेकिन अभी लाखों फलस्तीनी शरणार्थी रफाह में मौजूद हैं।
गाजा में इजरायली कार्रवाई में मारे गए कई लोग
गाजा के बीत लाहिया क्षेत्र में इजरायली हमले में सात लोगों के मारे जाने और कई के घायल होने की सूचना है। उधर, हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने गाजा पर इजरायली कार्रवाई पर सुनवाई फिलहाल रोक दी है। याचिकाकर्ता दक्षिण अफ्रीका ने कहा है कि वह शुक्रवार को मामले में पूरक प्रार्थना पत्र दाखिल करेगा। इस बीच कतर ने कहा है कि उसने गाजा में युद्धविराम के प्रयास रोक दिए हैं।
गाजा में हुई मौतों पर सवाल
इजरायली हमलों में गाजा में हो रही मौतों पर नजर रख रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने महिलाओं और बच्चों की मौत के आंकड़ों को कम बताया है। गाजा के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में हुई मौतों से लगभग आधी संख्या संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के आंकड़ों में सामने आई है। ओसीएचए के अनुसार आठ मई तक गाजा में इजरायली हमलों में 4,959 महिलाएं और 7,797 बच्चे मारे गए। जबकि गाजा के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सात अक्टूबर, 2023 से छह मई, 2024 तक 9,500 महिलाएं और 14,500 बच्चे मारे गए हैं।
आज नकबा की 76 वीं वर्षगांठ
युद्ध और उत्पीड़न के शिकार फलस्तीनी बुधवार को नकबा की 76 वीं वर्षगांठ मनाएंगे। अरबी कैलेंडर के अनुसार 1948 में इसी दिन बंदूक की नोक पर सात लाख फलस्तीनियों को उनके घर से बेदखल कर दिया गया था और वे शरणार्थी बन गए थे। लोग अपना सब कुछ छोड़कर घरों में ताले लगाकर इस उम्मीद से चले आए थे कि कभी वापसी होगी लेकिन वापसी का वह दिन कभी नहीं आया।
उनकी छोड़ी हुई धरती पर आज इजरायल बसा हुआ है और फलस्तीनी गाजा व वेस्ट बैंक में शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। फलस्तीनियों के लिए सब कुछ छोड़ने का दिन आपदा वाला था जिसे वे नकबा कहते हैं और दुखी मन से उसकी वर्षगांठ मनाते हैं।