Israel Hamas War: गाजा को राहत देने के लिए इजरायल पर बढ़ा दबाव, फलस्तीनियों को भूखा मारने की साजिश का लगा आरोप
Israel Hamas War गाजा पट्टी में सैन्य कार्रवाई को लेकर इजरायल पर दबाव बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भारी बहुमत से युद्धविराम की मांग वाला प्रस्ताव पारित होने के बाद अमेरिका की कोशिश है कि गाजा में इजरायली कार्रवाई की तीक्ष्णता कम हो और वह सटीक निशाने वाली हो। साथ ही गाजा में राहत सामग्री की भी अबाध आपूर्ति हो।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 18 Dec 2023 09:37 PM (IST)
रॉयटर, यरुशलम। गाजा पट्टी में सैन्य कार्रवाई को लेकर इजरायल पर दबाव बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भारी बहुमत से युद्धविराम की मांग वाला प्रस्ताव पारित होने के बाद अमेरिका की कोशिश है कि गाजा में इजरायली कार्रवाई की तीक्ष्णता कम हो और वह सटीक निशाने वाली हो। साथ ही गाजा में राहत सामग्री की भी अबाध आपूर्ति हो।
इन अपेक्षाओं को लेकर अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड ऑस्टिन सोमवार को इजरायल पहुंचे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की बीते सप्ताह की इजरायल यात्रा के ठीक बाद अमेरिकी सरकार के शीर्ष पदस्थ व्यक्ति की यह दूसरी यात्रा है। लेकिन इन कोशिशों के बीच गाजा में इजरायली सेना के हमले जारी हैं।
ताजा हमले में 110 लोग मारे गए
उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी क्षेत्र में ताजा हमले में 110 लोग मारे गए हैं और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी भी गाजा में युद्धविराम की वैश्विक मांग के साथ आ गए हैं। तीनों यूरोपीय प्रमुख देशों ने युद्धविराम की आवश्यकता तब जताई है जब अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन इजरायल में हैं। तीनों यूरोपीय देश अमेरिका के घनिष्ठ सहयोगी होने के साथ ही वैश्विक मंच पर इजरायल का भी समर्थन करते रहे हैं।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हो सकता है मतदान
इस बीच कतर की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के मध्य युद्धविराम को लेकर वार्ता जारी है। जबकि संभावना है कि सोमवार-मंगलवार की रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में गाजा में राहत सामग्री की बिना रुकावट आपूर्ति के प्रस्ताव पर मतदान हो सकता है।
24 घंटों में गाजा में 150 से ज्यादा स्थानों पर बमबारी
इस बीच गाजा में इजरायली सेना के हमले जारी हैं। रविवार-सोमवार के 24 घंटों में उसने गाजा में 150 से ज्यादा स्थानों पर बमबारी की। इस लड़ाई में अभी तक 19 हजार फलस्तीनी और इजरायली सेना के 126 सैनिक मारे गए हैं।