Israel Hamas War: दो महीने से चल रही जंग ने दिए कभी न भरने वाले जख्म... अब तक 17000 से ज्यादा की मौत
हमास द्वारा संचालित गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इजरायल के हमलों में वहां 17177 लोग मारे गए हैं। फलस्तीनी कम भोजन और दूषित पानी के साथ रह रहे हैं। लोग अक्सर सड़क पर रात में बम और गोले गिरने पर चिल्लाते बच्चों को शांत करने की कोशिश करते हैं। गाजा का हर चौथा-पांचवां शख्स अब विस्थापित हो चुका है।
रॉयटर्स, गाजा। गाजा में दो महीने से चल रहे भीषण युद्ध का नतीजा ये है कि, यहां ज्यादातर लोग बेघर हो गए हैं, इजरायली बमबारी के कारण लोग यहां-वहां पनाह लेने को मजबूर हैं। बुजुर्ग और नवजात मलबे के बीच तंबुओं में रहने को विवश हैं।
61 दिनों की लड़ाई के दौरान गाजा पट्टी में अपने घरों से बाहर निकाली गईं तीन महिलाएं अब हवाई हमलों और गोलाबारी के कारण एक स्थान से दूसरे स्थान पर भागने के बाद आश्रय और सुरक्षा के लिए जद्दोजहद कर रही हैं।
57 वर्षीय जैनब खलील चौथी बार पलायन को मजबूर हैं क्योंकि इजरायली टैंक दक्षिणी शहर खान यूनिस में घुस रहे हैं। 28 वर्षीय इसरा अल-जमाला अपनी नवजात बेटी की देखभाल के लिए एक तंबू में रहती है, जिसका जन्म उस रात हुआ था जब एक अल्पकालिक युद्धविराम शुरू हुआ था और माई सलीम इस डर के साथ मिस्र की सीमा पर रह रही हैं कि उन्हें और उनके परिवार को निर्वासन की जिंदगी गुजारनी पड़ेगी।
गाजा के 2.3 मिलियन लोगों में से अधिकांश लोग 7 अक्टूबर को अचानक हुए हमले से अनजान थे, जब इजरायली जेट विमानों ने सीमा पार हमास के अटैक का जवाब देने के लिए हमले शुरू कर दिए। इजरायल का कहना है कि, हमास के 1,200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे।
इजरायली सेना ने गाजा पर शासन करने वाले हमास को कुचलने की कसम खाई है। इजरायल का कहना है कि समूह अपने हथियार, कमांड सेंटर और लड़ाकों को नागरिक आबादी के बीच छिपाता है इन्हें वह "मानव ढाल" के रूप में उपयोग करता है। हमास इससे इनकार करता है। गाजा का हर चौथा-पांचवां शख्स अब विस्थापित हो चुका है। इनमें से कई, कई बार विस्थापित हो चुके हैं। उनके घरों, व्यवसायों, मस्जिदों और स्कूलों को इजरायली हमलों के कारण बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है।
17 हजार से ज्यादा की मौत
हमास द्वारा संचालित गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि, इजरायल के हमलों में वहां 17,177 लोग मारे गए हैं। फलस्तीनी कम भोजन और दूषित पानी के साथ रह रहे हैं। लोग अक्सर सड़क पर, रात में बम और गोले गिरने पर चिल्लाते बच्चों को शांत करने की कोशिश करते हैं।