Israel-Hamas War: हमास के विनाशकारी हमले में हजारों यहूदियों की चढ़ी बली, इजरायलियों को याद आए नरसंहार के दिन
Israel-Hamas War हमास और इजरायल के बीच युद्ध लगातार जारी है। इस युद्ध में दोनों तरफ से भीषण तबाही हुई है। हजारों लोगों की अबतक मौत हो चुकी है। 7 अक्टूबर को हमास के हमले में 1300 इजरायली मारे गए हैं इस मौत के आंकड़ों ने इजरायल को एकबार फिर यहूदियों के साथ हुए नरसंहार की याद दिला दी है।
एपी, तेल अवीव। सुरक्षित कमरों में छुपी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को बेरहमी से गोलियों से भून दिया गया। घरों में आग लगा दी गई है और उनके अंदर अभी भी डरे हुए लोग छिपे हुए हैं। बच्चों को, जिनमें से कुछ को बांध कर रखा गया था, जबरदस्ती एक कमरे में ले जाया गया और मार डाला गया। यहूदी अपने आपको इस युद्ध में असहाय महसूस कर रहे हैं। यहूदियों को एकबार फिर अपने साथ हुए नरसंहार की याद सताने लगी है।
दुनिया भर के कई इजरायलियों और यहूदियों के लिए यह युद्ध भयावह है। दक्षिणी इजरायली समुदायों पर हमास द्वारा इस घातक हमले की यावहता कहीं अधिक बड़े पैमाने की आपदा की दर्दनाक यादें पैदा कर रही है।
राजनीतिक टिप्पणीकार बेन कैस्पिट ने होलोकॉस्ट को उसके हिब्रू नाम से संदर्भित करते हुए दैनिक मारीव में लिखा, "मैं होलोकॉस्ट के अलावा किसी भी संदर्भ में 'शोआ' शब्द का उपयोग न करने को लेकर सख्त रहा हूं।" "जब यहूदी बच्चे एक सुरक्षित कमरे में छिप जाते हैं और उनके दुखी माता-पिता प्रार्थना करते हैं कि वे रोएं नहीं, ताकि लुटेरे अंदर आकर घर में आग न लगा दें, तो यह एक शोह है।"
वहीं, गाजा में हमास के खिलाफ इजरायल की जवाबी कार्रवाई की तुलना फलिस्तीनियों की सबसे बड़ी राष्ट्रीय त्रासदी, नकबा से भी की गई है, जब 1948 के युद्ध के बाद हजारों लोग भाग गए थे या भागने के लिए मजबूर हुए थे, जिसके कारण इजरायल का निर्माण हुआ। इजरायल द्वारा उत्तरी गाजा को खाली करने के आदेश के बाद कई फलिस्तीनियों को उस सामूहिक पलायन की पुनरावृत्ति का डर है।
1300 से अधिक इजरायली की मौत
हमास के साथ चल रहे इस युद्ध पर इजरायली सेना ने कहा कि आतंकियों को खत्म करने और बंधक बनाए गए लोगों के छुड़ाने के लिए लगातार छापे मारे जा रहे हैं। वहीं, गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि क्षेत्र में 724 बच्चों और 458 महिलाओं समेत 2200 से अधिक लोग मारे गए हैं। इधर, इजरायल ने कहा कि हमास के हमले में 1300 से अधिक इजरायली मारे गए, जिनमें से अधिकतर आम नागरिक हैं।