Earthquake in Nepal: नेपाल में आए भूकंप ने याद दिलाया 2015 का खौफनाक मंजर, धराशायी इमारतों के नीचे दबकर 9000 लोगों की गई थी जान
Earthquake in Nepal नेपाल में बीती रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप से कई इमारतें ढह गईं और 128 लोगों की जान चली गई। भूकंप का केंद्र काठमांडू के जाजरकोट से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में था। लोग घरों से बाहर आकर भागने लगे और इस घटना ने 2015 का मंजर याद दिला दिया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Earthquake in Nepal नेपाल में बीती रात आए जोरदार भूकंप के झटकों के चलते 128 लोगों की मौत हो गई है। भूकंप इतना तेज था कि भारत तक इसके झटके महसूस हुए। राजधानी दिल्ली, बिहार, यूपी और कई और राज्यों में धरती हिली।
इस बीच नेपाल में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप (Nepal Earthquake) से कई इमारतें ढह गईं और चीख पुकार मच गई। भूकंप का केंद्र काठमांडू के जाजरकोट से लगभग 500 किलोमीटर पश्चिम में था। लोग घरों से बाहर आकर भागने लगे और इस घटना ने 2015 का मंजर याद दिला दिया।
2015 में तेज भूकंप से आई थी तबाही
वर्ष 2015 में भी नेपाल में तेज भूकंप के झटके लगे थे। भूकंप की तीव्रता 7.9 होने के चलते सैकड़ों घर तबाह हो गए थे और करीब 9000 लोगों की जान चली गई थी। भूकंप से मची तबाही में 22000 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे, जबकि 30 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे।
हालात हो गए थे बदतर
2015 में आए भूकंप के चलते काठमांडू और उसके आसपास रहने वाले लोगों के हालात काफी बदतर हो गए थे। घर तबाह होने के कारण उन्हें सड़कों पर टेंट लगाकर रहना पड़ा था। लोग पानी के लिए कतार में खड़े होते थे और फार्मेसी में दवा के लिए भीड़ उमड़ पड़ती थी।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के अनुसार, उस समय नेपाल में लगभग दस लाख बच्चे भूकंप से गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे और जलजनित और संक्रामक बीमारियों की भी चेतावनी जारी की गई थी।
(फोटो- रायटर)
चिकित्सा सुविधाएं हो गई थी चौपट, भारत ने की मदद
नेपाल में आए भूकंप के चलते वहां की चिकित्सा सुविधाओं की पोल खुल गई थी। काठमांडू में जख्मी और घायल लोग खुले में पड़े हुए थे, उन्हें अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहे थे। इस दौरान नेपाल के लिए भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया था और वहां कई राहत सामग्री भी भेजी थी।
(फोटो- रायटर)
Nepal में लगातार आते भूकंप के कारण क्या
नेपाल में बीती रात आए भूकंप के चलते वहां खौफ का मंजर था। नेपाल में बीते एक महीने में तीन बार भूकंप के झटके लग चुके हैं। नेपाल कई दफा भूकंप का एपिसेंटर रहा है।
दरअसल, इसके पीछे का कारण यह है कि नेपाल उस पर्वत शृंखला पर बसा है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती है। ये टेक्टोनिक प्लेट सदी में कई बार एक दूसरे के पास खिसकती हैं, जिससे भूकंप आता है।