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India-Maldives: पड़ोसी देश के लिए भारत ने खोला खजाना, जयशंकर जल्द देंगे मालदीव को कई परियोजनाओं की सौगात

भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास के बावजूद एक बार फिर भारत अपने पड़ोसी देश की मदद के लिए अपना खजाना खोल चुका है। जहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव के 28 द्वीपों में भारत के वित्तपोषण वाली 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर की व्यापक जल एवं स्वच्छता परियोजनाएं शनिवार को पड़ोसी देश को सौंप दीं।वहींआने वाले दिनों में भारत कई अहम परियोजनाओं को मालदीव को सौंपने वाला है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Sun, 11 Aug 2024 01:46 PM (IST)
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मालदीव के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री के साथ एस. जयशंकर (फोटो- @DrSJaishankar)
एएनआई, माले (मालदीव)। मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर और विदेश मंत्री एस जयशंकर जल्द ही पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना के हस्तांतरण समारोह और 4-लेन डेटौर लिंक सड़क परियोजना का उद्घाटन करेंगे।

मालदीव के विदेश मंत्री ने रविवार को अड्डू शहर में जयशंकर का स्वागत किया। मूसा जमीर ने एक्स को बताया कि इन दोनों परियोजनाओं को भारत सरकार द्वारा एक्ज़िम बैंक के एलओसी के तहत सुविधा प्रदान की गई है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं अड्डू शहर के लोगों के विकास और समृद्धि में योगदान देंगी।

जल्द होगा परियोजना के हस्तांतरण का कार्यक्रम 

मूसा जमीर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर का अड्डू शहर में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। हम जल्द ही पुनर्ग्रहण और तट संरक्षण परियोजना के हस्तांतरण समारोह और 4-लेन डेटोर लिंक सड़क परियोजना का उद्घाटन शुरू करेंगे। दोनों परियोजनाओं को भारत सरकार द्वारा EXIM बैंक के LoC के तहत सुविधा प्रदान की गई है। ये परियोजनाएं अड्डू शहर के लोगों के विकास और समृद्धि में योगदान देंगी।'

'जरूरत पड़ने पर भारत हमेशा दिया मालदीव का साथ'

इससे पहले शनिवार को मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने माले की अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की और विश्वास व्यक्त किया कि जरूरत पड़ने पर भारत हमेशा मालदीव की सहायता करने वाला पहला देश होगा। शाहिद ने पिछली सरकार के भारत विरोधी रुख के कारण हुई आर्थिक और कूटनीतिक असफलताओं को स्वीकार किया तथा बेहतर संबंधों की दिशा में वर्तमान बदलाव का स्वागत किया।

'मालदीव-भारत संबंध हमेशा आपसी सम्मान से पूर्ण'

एमडीपी ने एक बयान भी जारी किया जिसमें भारत द्वारा वित्तपोषित विभिन्न परियोजनाओं का उल्लेख किया गया। इस बयान में कहा गया है, 'मालदीव-भारत संबंध हमेशा आपसी सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता, क्षेत्रीय सुरक्षा की साझा इच्छा और खुले एवं शांतिपूर्ण हिंद महासागर के सिद्धांतों पर आधारित रहे हैं।'

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