बांग्लादेश में हिंसा पर शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, बोलीं- यह एक आतंकी हमला, हत्याओं के दोषियों को मिले सजा
शेख हसीना बांग्लादेश हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इन घटनाओं को आतंकी घटना करार दिया। हसीना ने मंगलवार को बयान में कहा कि क्रांति के नाम पर कई लोग मारे गए। आतंकी कृत्यों हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की पहचान की जाए। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मुझे न्याय चाहिए। शेख हसीना के बयान को उनके उनके बेटे साजीब वाजेद जाय ने मंगलवार को एक्स पर जारी किया।
पीटीआई,ढाका। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश में पिछले महीने हुई हिंसा को आतंकी हमला करार दिया। पांच अगस्त को पद छोड़ने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए हसीना ने मंगलवार को बयान में कहा, 'क्रांति के नाम पर' कई लोग मारे गए। 'आतंकी कृत्यों', हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की पहचान की जाए। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मुझे न्याय चाहिए।
शेख हसीना के बयान को उनके उनके बेटे साजीब वाजेद जाय ने मंगलवार को एक्स पर जारी किया। पिछले महीने हुए हिंसक संघर्षों के दौरान एक किराना दुकान मालिक की हत्या को लेकर हसीना पर मामला दर्ज किए जाने के कुछ घंटों बाद यह बयान आया है।
भारत में हैं शेख हसीना
गौरतलब है कि कई हफ्तों तक विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दे दिया और भारत चली आईं। हिंसा में करीब करीब 300 लोग मारे गए। हसीना के बेटे साजीब वाजेद जाय द्वारा एक्स हैंडल पर बंगाली में पोस्ट किए बयान में हसीना ने कहा कि जुलाई से हिंसा और अराजकता में कई छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, उनकी अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं और आम लोगों की जान चली गई।
15 अगस्त, 1975 को अपने परिवार के सदस्यों की हत्या को याद करते हुए हसीना ने कहा, मैं अपने जैसे उन लोगों के प्रति सहानुभूति रखती हूं जो अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं इन हत्याओं और आतंकी कृत्यों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए उचित जांच और उन्हें सजा देने की मांग करती हूं।
हसीना ने कहा- 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाएं
हसीना ने हिंसा के दौरान बंगबंधु संग्रहालय को जलाए जाने पर कहा, स्मृति और प्रेरणा जलकर राख हो गई। यह किसी ऐसे व्यक्ति का अपमान था जिसके नेतृत्व में हम स्वतंत्र राष्ट्र बने। मैं देशवासियों से इस कृत्य के लिए न्याय की मांग करती हूं। मैं अपील करती हूं कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाएं।
हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ ने संग्रहालय को आग के हवाले कर दिया। यह संग्रहालय बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान का निजी आवास था, जहां सैन्य तख्तापलट में उनके परिवार के सदस्यों के साथ उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हमले में हसीना, उनके दो बच्चे और उनकी छोटी बहन शेख रेहाना बच गईं, क्योंकि वह जर्मनी में थीं।
बांग्लादेश में 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश रद
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश रद कर दिया। सलाहकार परिषद की बैठक में 15 अगस्त के अवकाश को रद करने को मंजूरी दी गई। 15 अगस्त को देश के संस्थापक और हसीना के पिता शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या हुई थी। इसलिए बांग्लादेश में इस दिन शोक दिवस पर अवकाश रहता था।
अवामी लीग सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों को दी पनाह : सेना प्रमुख
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने अपदस्थ अवामी लीग सरकार के कुछ प्रभावशाली लोगों को हमले से बचाने के लिए उन्हें शरण दी है।
डेली स्टार अखबार के अनुसार राजशाही छावनी में सेना प्रमुख ने कहा, यदि उनके खिलाफ कोई आरोप है, कोई मामला दर्ज किया जाता है, तो उन्हें दंडित किया जाएगा। लेकिन निश्चित रूप से हम नहीं चाहते कि उनके खिलाफ कोई हमला या न्यायेतर कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि 20 जिलों में अल्पसंख्यकों से संबंधित कुल 30 हमले हुए हैं। उन्होंने कहा, घटनाओं की जांच कर रहे हैं। अपराधियों को सजा दिलाएंगे।