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क्या भारत को झटका देगा रूस? दिग्गज संगठन का हिस्सा बन सकता पाक, पुतिन के डिप्टी PM बोले- समर्थन करूंगा

भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान के साथ रूस अपने रिश्तों को मजबूत करेगा। यही वजह है कि पाकिस्तान और रूस ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और लेन-देन में बैंकिंग बाधाओं को दूर करने पर चर्चा की। रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन अगले महीने इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भी हिस्सा लेंगे। रूस के उप-प्रधानमंत्री इस्लामाबाद की यात्रा पर हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 19 Sep 2024 01:04 PM (IST)
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शहबाज शरीफ और व्लादिमीर पुतिन। (फाइल फोटो)

पीटीआई, इस्लामाबाद। रूस ने बुधवार को कहा कि वह ब्रिक्स में शामिल होने के पाकिस्तान के प्रयास का समर्थन करेगा क्योंकि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देकर अपने संबंधों को और मजबूत करने का फैसला किया है।

रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ बातचीत के बाद कहा कि हमें खुशी है कि पाकिस्तान ने सदस्यता के लिए आवेदन किया है। रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक अपनी दो दिवसीय यात्रा पर इस्लामाबाद पहुंचे हैं।

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रूस बोला- हम समर्थन करेंगे

ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन मित्रवत संगठन हैं। हम इसका समर्थन करेंगे। रूस की सरकारी स्वामित्व वाली टास समाचार एजेंसी ने ओवरचुक के हवाले से कहा कि हमने ब्रिक्स का एक महत्वपूर्ण विस्तार देखा है और दुनिया भर के देश इसमें शामिल होने में बहुत रुचि दिखा रहे हैं।

कब हुई ब्रिक्स की स्थापना?

ब्रिक्स की स्थापना 2006 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन द्वारा की गई थी और दक्षिण अफ्रीका 2011 में इसमें शामिल हुआ। 1 जनवरी, 2024 को मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और इथियोपिया इसके पूर्ण सदस्य बन गए हैं। बता दें कि ब्रिक्स का नाम ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नाम पर रखा गया है।

मॉस्को ब्रिक्स में पाकिस्तान को शामिल करने का समर्थन करेगा। एलेक्सी ओवरचुक, रूस के उप प्रधानमंत्री।

चीन चाहता ब्रिक्स का हिस्सा बने पाकिस्तान

रूस में ब्रिक्स सम्मेलन से पहले यह बयान बेहद महत्वपूर्ण है। चीन लंबे समय से चाहता है कि पाकिस्तान इस संगठन का हिस्सा बने। मगर भारत का अभी तक इसमें कोई आधिकारिक रुख सामने नहीं आया है। मगर ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान के आने से ब्रिक्स में चीन का प्रभाव और बढ़ जाएगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच घनिष्ठता जगजाहिर है।

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