Mumbai Trans Harbour Link: भारत के सबसे बड़े समुद्री पुल की पांच बड़ी बातें
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़कर प्रमुख शहरों पुणे बेंगलुरु और गोवा के लिए यात्रा के समय को भी कम कर देगा। इसकी मदद से मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा के समय को लगभग 60 मिनट से घटाकर 16 मिनट करने की उम्मीद है। यह रायगढ़ जिले को मुख्य शहर के करीब लाने में मदद करेगा।
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) के जल्द ही लोगों के लिए खुलने की उम्मीद है। इस ब्रिज के माध्यम से लोग साउथ मुंबई से न्यू एयरपोर्ट इन्फ्लुएंस नोटिफाइड एरिया (NAINA) और मुंबई-पुणे की यात्रा पर पीक आवर्स के दौरान लगभग 30-45 मिनट की बचत की उम्मीद कर सकते हैं। आइये जानते हैं इस समुद्री पुल में क्या है खास
ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
ये समुंद्री पुल भारत की पहली ऐसी समुद्री पुल होगी, जिसका निर्माण ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक तकनीक के आधार पर किया गया है। ये दुनिया की सबसे मजबूत पूल में से भी एक होगी।
सबसे अधिक कंक्रीट का किया गया है इस्तेमाल
इसमें 9,75,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगाया गया है जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के लिए इस्तेमाल किए गए कंक्रीट का छह गुना है। लोग इस पुल के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के फायदे
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़कर प्रमुख शहरों पुणे, बेंगलुरु और गोवा के लिए यात्रा के समय को भी कम कर देगा। इसकी मदद से मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा के समय को लगभग 60 मिनट से घटाकर 16 मिनट करने की उम्मीद है। यह रायगढ़ जिले को मुख्य शहर के करीब लाने में मदद करेगा, साथ ही ये सेतु नवी मुंबई में आने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए एक कनेक्टिविटी विकल्प भी तैयार करेगा।
देश की सबसे लंबी पुल होगी
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम अब देश की सबसे लंबा समुद्री पुल के तौर पर किया जाएगा। इस पुल में कई ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो देश में नया है।
22 किलोमीटर लंबा है पुल
मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक 22 किलोमीटर के पुल में से 16.5 किलोमीटर लंबा हिस्सा समुद्र के ऊपर है। इसका वजन 2,300 मीट्रिक टन है। कुछ समय पहले मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने प्रेस रीलीज में यह भी बताया था कि एमटीएचएल के पैकेज-2 में 32 ओएसडी स्पैन हैं और इनमें से 15 स्पैन पहले ही लॉन्च किए जा चुके हैं।