Bhagalpur News: ड्रोन से रोजगार को उड़ान दे रहीं रश्मि, तीन राज्यों में सर्विस; 50 लोगों को दिया रोजगार
Bihar News खेती में लागत कम करने के लिए तरल उर्वरकों कीटनाशकों व दवाओं का खेतों में छिड़काव करने के लक्ष्य के साथ रश्मि ने दो साल पहले ड्रोन स्प्रे सर्विस की एक छोटी-सी शुरूआत की थी। अब उनकी सर्विस तीन राज्यों में उपलब्ध है। अब तक रश्मि की ड्रोन स्प्रे सर्विस से 20 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिला है।
ललन तिवारी, भागलपुर। दो वर्ष पूर्व रश्मि कुमारी ने छोटे स्तर पर ड्रोन स्प्रे सर्विस शुरू की थी। खेती में लागत कम करने के लिए तरल उर्वरकों, कीटनाशकों व दवाओं का खेतों में छिड़काव इसका लक्ष्य था। आज रश्मि तीन राज्यों में अपनी सेवा दे रही हैं।
20 हजार से अधिक किसान इनके ड्रोन से लाभान्वित हुए हैं। इस काम में 50 युवाओं को रोजगार भी दिया गया है। रश्मि की उड़ान जारी है। इन्हें आठ राज्यों की 20 लाख एकड़ जमीन में तरल उर्वरक के छिड़काव का कांट्रैक्ट मिला है।
फोटो- रश्मि।
सफलता से उत्साहित रश्मि अब ड्रोन बनाने की यूनिट लगाने के बारे में भी योजना बना रही हैं। रश्मि की यह उड़ान बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर के इनक्यूबेशन सेंटर एब एग्रीस से शुरू हुई थी।
बेगूसराय की रहने वाली रश्मि के पति रौशन कुमार इंजीनियर हैं। देश के किसानों के लिए कुछ करने की सोच के साथ रश्मि बीएयू, सबौर के इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़ीं। उन्हें खेती-बाड़ी में ड्रोन के उपयोग में रुचि थी।
धीरे-धीरे बढ़ने लगी मांग
रश्मि के आइडिया को देखकर उनका चयन कर लिया गया। दो वर्ष पूर्व रश्मि ने छोटे स्तर पर ड्रोन स्प्रे सर्विस की स्थापना की। तरल खाद, कीटनाशक व दवाओं आदि के छिड़काव में ड्रोन का प्रयोग करने से किसानों की लागत कम हुई। धीरे-धीरे मांग बढ़ने लगी।
इसके बाद रश्मि ने इस काम से 50 युवाओं को भी जोड़ा। इन्होंने बिहार के बाद अपनी सेवा का विस्तार पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी किया। लगभग 20 हजार किसानों को लाभ पहुंचाया। आठ राज्यों का मिला कॉन्ट्रैक्ट
भारत की सबसे बड़ी उर्वरक निर्माता कंपनी इफको ने आठ राज्यों की 20 लाख एकड़ जमीन में तरल उर्वरक के छिड़काव का कांट्रैक्ट इन्हें दिया है।
इन राज्यों में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, गुजरात व राजस्थान शामिल हैं। इस काम के लिए और युवाओं की आवश्यकता है। बिहार सरकार के श्रम मंत्रालय से सहयोग लेकर इन्होंने करीब 70 युवाओं का इस काम के लिए चयन किया है।
ड्रोन असेंबलिंग का गुर भी बताया गया
बीएयू इनक्यूबेशन सेंटर के अनुसंधान निदेशक डा. एके सिंह बताते हैं कि रश्मि को विभिन्न तरह के गुर सिखाने के साथ ही बाहर से पुर्जे मंगाकर ड्रोन असेंबल करने की भी सीख दी गई। सेंटर के प्रबंधक अशोक जायसवाल बताते हैं कि आज रश्मि टेक्नो ग्राउंड नाम की कंपनी की मालकिन बन गईं।
इस काम में उन्हें उनके पति का भी सहयोग मिला। रश्मि बताती हैं कि बीएयू के इनक्यूबेशन सेंटर ने उन्हें तराशा। भारत सरकार द्वारा उद्यम करने के लिए 25 लाख के अनुदान की स्वीकृति मिल गई है। इसे मिलते ही वे ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग का उद्योग लगाएंगी।
बीएयू के कुलपति डा. दुनियाराम सिंह। जागरण
सब एग्रीस इनक्यूबेशन सेंटर स्टार्टअप को तराशकर निखारता है। ज्ञान के साथ आर्थिक सहयोग भी मिलता है। इससे स्वरोजगार और रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। रश्मि स्टार्टअप करने वाले युवाओं के लिए रोल माडल हैं। - डॉ. दुनियाराम सिंह, कुलपति, बीएयू सबौर, भागलपुर
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