ये है बिहार का प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर, यहां पूरी होती है हर मुराद; महाप्रसाद के लिए साल 2032 तक हो चुकी है बुकिंग
बिहार के कटिहार में दुर्गा माता का प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर है। यहां सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2032 तक के लिए महाप्रसाद की बुकिंग हो चुकी है। इस मंदिर में बंगाल महाराष्ट्रीय समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु पहुंचते हैं। साथ ही मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु आभूषण के साथ अन्य चढ़ावा चढ़ाते हैं।
संवाद सूत्र, कदवा (कटिहार)। Bihar Famous Durga Mata Mandir प्रखंड के सोनैली स्थित श्यामा हाट दुर्गा मंदिर की महिमा अपरंपार है। लगभग 73 वर्ष पुराने मंदिर के प्रति लोगों की असीम आस्था है। मंदिर प्रांगण में चार दिवसीय विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। प्रखंड के अलावा, कई जिलों के साथ बंगाल एवं अन्य जगहों से श्रद्धालु पहुंच कर मन्नत मांगते हैं। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी जाने वाली हर मुराद मां दुर्गा पूर्ण करती है। दुर्गा पूजा के अवसर पर भव्य मेला का भी आयोजन किया जाता है।
मंदिर का इतिहास
1950 में स्थानीय दुर्गागंज राज परिवार द्वारा दान में दी गई जमीन पर मंदिर का निर्माण कर पूजा शुरू की गई थी। करीब एक दशक पूर्व श्रद्धालुओं के सहयोग से 40 लाख की लागत से भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया था। मंदिर की दीवारों पर बनाई गई भित्ति चित्र के साथ अन्य नक्काशी आकर्षण का केंद्र है। संध्या आरती, दीप प्रज्ज्वलन के साथ पुष्पांजलि के समय श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
श्रद्धालुओं में जबरदस्त आस्था
मंदिर के प्रति लोगों की ऐसी आस्था है कि सन 2032 तक अग्रिम भक्तों ने अष्टमी एवं नवमी को बनने वाले महाप्रसाद की बुकिंग करा रखी है। मंदिर में होने वाले हवन की भी श्रद्धालु अग्रिम बुकिंग करवाते हैं, जबकि एक श्रद्धालु ने आजीवन प्रतिमा दान देने का संकल्प लिया है। महाप्रसाद मंदिर के रसोई में पीतल के बर्तन में शुद्ध घी से बनाया जाता है, जिस पर करीब 80 हजार का खर्च आता है।
क्या कहते हैं मंदिर के पंडित?
इस संबंध में मंदिर के पंडित सुमन झा ने बताया कि यहां देवी की वैष्णव विधि से पूजा की जाती है। यहां भक्तों का सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी होती है।
क्या कहते हैं मंदिर कमेटी के सचिव?
मंदिर कमेटी के सचिव बिहारी लाल बुबना ने बताया कि मां की कृपा है कि दिनोंदिन इसकी प्रसिद्धि चारों ओर फैलती जा रही है। मुंबई, सिलीगुड़ी, मालदा, कोलकाता के श्रद्धालु यहां आकर महाप्रसाद की बुकिंग करवा कर वर्षो इंतजार करते हैं। साथ ही मनोकामना पूर्ण होने पर श्रद्धालु आभूषण के साथ अन्य चढ़ावा चढ़ाते हैं।