एसआई सुनीता प्रेमनाथ नारी शक्ति का जबरदस्त उदाहरण बन गईं हैं। पुलिस अवर निरीक्षक सुनीता प्रेमनाथ हलसी थाना में पदस्थापित हैं। वह खाकी वर्दी पहनकर हेल्प डेस्क के माध्यम से महिलाओं को न्याय दिलाने का काम कर रही हैं। छपरा जिले के पियानो गांव में पंडित सुनीता प्रेमनाथ का जन्म साधारण परिवार में हुआ।
By Mritunjai MishraEdited By: Mukul KumarUpdated: Mon, 23 Oct 2023 11:52 AM (IST)
संवाद सूत्र, हलसी (लखीसराय)। नव दुर्गा को शक्ति का प्रतीक कहा जाता है। इसलिए महिलाओं को नारी शक्ति की संज्ञा दी गई है। ये नारी शक्तियां काफी सबल होती है। यह अबला भी होती है और सबला भी होती है।
इन्हीं नारी शक्ति में एक नाम पंडित सुनीता प्रेमनाथ का है, जो खाकी वर्दी पहनकर हेल्प डेस्क के माध्यम से महिलाओं को न्याय दिलाने का काम कर रही है। पुलिस अवर निरीक्षक सुनीता प्रेमनाथ हलसी थाना में पदस्थापित हैं।
साधारण परिवार में हुआ सुनीता का जन्म
नई नवेली सुनीता कम समय ही अपने को यह साबित करने में सक्षम हो गई कि वह खाकी की खातिर कुछ भी कर सकती है। छपरा जिले के कोपा थाना अंतर्गत पियानो गांव में साधारण परिवार में जन्म लेने वाली पंडित सुनीता प्रेमनाथ का बचपन अभाव में ही बीता।
पिता पंडित प्रेमनाथ पांच पुत्री एक पुत्र सहित परिवार के दर्जन सदस्यों के भरण पोषण की जिम्मेदारी और जवाबदेही थी। अभाव के बीच वे महाराष्ट्र चले गए जहां बिल्डर के साथ काम करने लगे। कुछ दिन बाद बच्चों को लेकर भी वहीं चले गए।
महिला हेल्प डेस्क की जिम्मेदारी
हिंदी माध्यमिक विद्यालय वीएन न्यायिक स्कूल से मैट्रिक पास करने के बाद इंटर एवं स्नातक भोसला मिलिट्री कालेज महाराष्ट्र से की। स्नातक के दौरान अपने भाई एवं बहनों की पढ़ाई के लिए खुद बच्चों को ट्यूशन देने का काम किया। वर्ष 2018-19 में गांव आकर प्राइवेट स्कूल में बतौर शिक्षिका नौकरी करने लगी।
इसी दौरान बिहार सरकार ने सब इंस्पेक्टर की बहाली निकाली जिसमें शामिल होकर पहले ही प्रयास में सफलता की कहानी लिख डाली। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लखीसराय जिले के हलसी थाना में महिला हेल्प डेस्क की जिम्मेदारी संभाल रही है। सुनीता की शादी पिछले वर्ष ही 25 नवंबर 2022 को हुई है।