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प्रभार में सदर अंचल का भार, कइयों का फंसा भूमि प्रबंधन का काम

जागरण संवाददाता मुंगेर सदर अंचल में भूमि प्रबंधन का काम काफी धीमा है। जब अंचल के सीओ का

By JagranEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 10:18 PM (IST)
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प्रभार में सदर अंचल का भार, कइयों का फंसा भूमि प्रबंधन का काम

जागरण संवाददाता, मुंगेर: सदर अंचल में भूमि प्रबंधन का काम काफी धीमा है। जब अंचल के सीओ का पद ही लगभग छह माह से प्रभार में हो तो भूमि प्रबंधन का कामकाज कैसे चल रहा होगा, इस बात का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। दाखिल खारिज, लगान निर्धारण , परिमार्जन सहित भूमि प्रबंधन के कई ऐसे काम प्रभावित हैं। आवेदक लगातार अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, उन्हें बस एक ही बात सुनने को मिलता है कि सीओ मैडम नहीं हैं। अभी काम नहीं होगा। आने के बाद ही होगा। यहां बता दें कि सदर अंचल पदाधिकारी के पद पर धरहरा की सीओ पूजा कुमारी अतिरिक्त प्रभार में है। ऐसे में भूमि संबधी मामलों को लेकर दिए गए सैंकड़ो आवेदन लंबित हैं। इतना ही नहीं यहां राजस्व कर्मचारियों की भी घोर किल्लत है। एक मात्र राजस्व कर्मचारी के भरोसे 13 हलका काम चल रहा है।

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थक-हारकर हुए लाचार

गुलजार पोखर की दुलारी कुमारी, बड़ी बाजार की रूबी देवी, हाजी सुजान की फरजाना जैसे कई आवेदन रोज आपको सदर अंचल कार्यालय में मिलेंगे। बीते छह माह से रोज इस आस में आती है आज उनका काम हो गया होगा, लेकिन यहां आकर उन्हें निराशा ही मिलता है।

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केस स्टडी-1

शादीपुर की मंजीता कुमारी ने कहा कि बीते छह माह पहले दाखिल खारिज के लिए आवेदन दिया था। कर्मचारी ने रिपोर्ट भी कर दिया, लेकिन अब तक जमीन का दाखिल खारिज नहीं हो पाया। हर बार यही सुनने को मिलता है सीओ मैडम आएगी तो काम होगा।

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केस स्टडी-2

सीताकुंड की मंजू देवी ने बताया वे लगातार छह माह से दाखिल खारिज के सदर अंचल का चक्कर काट-काट कर थक चुकी है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। सीओ नहीं रहने की बात कह कर्मचारी लौटा देते है।

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कोट:

-वहां की स्थिति जानकारी में हैं। पूरी स्थिति का आंकलन करते हुए लंबित आवेदन के निष्पादन को लेकर सीओ को निर्देशित करेंगे। निष्पादन को गति देने के लिए जरूरत के हिसाब से वैकल्पिक व्यवस्था होगी।

अमरेंद्र शाही, अपर समाहर्ता, मुंगेर।