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जैविक खाद तैयार कर रही वीणा, किसानों को कर रही जागरुक

संवाद सूत्र टेटिया बंबर(मुंगेर) प्रखंड के धौरी पंचायत के तिलकारी गांव की राष्ट्रपति से न

By JagranEdited By: Updated: Sat, 25 Jun 2022 06:17 PM (IST)
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जैविक खाद तैयार कर रही वीणा, किसानों को कर रही जागरुक

संवाद सूत्र, टेटिया बंबर(मुंगेर): प्रखंड के धौरी पंचायत के तिलकारी गांव की राष्ट्रपति से नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित वीणा देवी जैविक खाद तैयार कर रही है। साथ ही प्रखंड के किसानों को जैविक खाद के प्रयोग करने के लिए जागरूक भी कर रही हैं, कई महिलाओं को जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दे रही है। वीणा देवी ने बताया कि खेतों में रासायनिक उर्वरक डालने से दिनों दिन एक और जहां खेत का उर्वरा शक्ति घटने लगती है। धान, गेहूं की फसल और सब्जी की खेत में डाले रसायनिक खाद से उपजाए गए फसल को खाने से लोग डायबिटीज,गैस सहित कई गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते है। ऐसी परिस्थिति में जैविक खाद से तैयार किया गया फसल की मांग लोगों में बढ़ने लगी है। उन्होंने बताया कि जैविक खाद से उपजाए सब्जी खाने से मनुष्य को कोई रोग नहीं होता है। मैं 2013 से जैविक खाद बना रही हूं।

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कैसे तैयार होता है जैविक खाद

बीणा बताती है कि जैविक खाद बनाने का तरीका है कि 20 किलो गोबर, 20 लीटर गाय का मूत्र, एक किलो पीपल वृक्ष के नीचे की मिट्टी, एक किलो गुड़, एक किलो चना का बैशन सभी को एक ड्रम में मिलाकर तैयार किया जाता है।

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किसानों को किया जा रहा जागरुक

जैविक खाद के बारे में जीविका समूह के सदस्यों और प्रखंड के किसानों को जागरूक किया जा रहा है। बीणा ने बताया कि जैविक खाद की बिक्री कर अच्छी आमदनी होती है और दिनोंदिन जैविक खाद की मांग बढ़ती जा रही हैं। बीना देवी से प्रशिक्षण लेकर कई महिला भी जैविक खाद बनाकर बिक्री करने में लगी है।महिलाओं को अच्छी आमदनी हो रही है।

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जैविक खाद का बढ़ा है प्रचलन

हाल के वर्षो में जैविक खाद का प्रचलन बढ़ने लगा है। लोग रसायनिक खाद से दूरी बनने लगे है। किसानों का कहना है रसायनिक खाद के प्रयोग से खेत की उर्वरा शक्ति छीन होने लगी है। एक एक ही विकल्प बचा है जैविक खाद।