Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

NDA की बैठक में चिराग की तस्‍वीरों ने खींचा सबका ध्‍यान: चाचा पशुपति पारस से लिया आशीर्वाद, फिर गले भी लगे

दिल्ली में मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक से कई तस्वीरें आईं। हर तस्वीर खुद में एक अलग कहानी बयां कर रही थीं लेकिन चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजा चिराग पासवान की एक-दूसरे से गले लगते तस्वीर हो या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चिराग के गाल छूकर स्नेह जताने वाली दोनों तस्वीरें बिहार की सियासी फिजा में कुछ अलग ही कहानि‍यां बयां कर रही थीं।

By Dina Nath SahaniEdited By: Prateek JainUpdated: Wed, 19 Jul 2023 12:41 AM (IST)
Hero Image
NDA बैठक में चिराग की तस्‍वीरों ने खींचा सबका ध्‍यान: चाचा पशुपति पारस से लिया आशीर्वाद, फिर गले भी लगे

दीनानाथ साहनी, पटना: दिल्ली में मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक से कई तस्वीरें आईं। हर तस्वीर खुद में एक अलग कहानी बयां कर रही थीं, लेकिन चाचा पशुपति कुमार पारस और भतीजा चिराग पासवान की एक-दूसरे से गले लगते तस्वीर हो या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चिराग के गाल छूकर स्नेह जताने वाली, दोनों तस्वीरें बिहार की सियासी फिजा में कुछ अलग ही कहानि‍यां बयां कर रही थीं।

चाचा और भतीजा के मिलन वाली तस्वीर, जहां लोजपा समर्थकों के लिए भविष्य का बड़ा संदेश है। वहीं, टूटे-बिखरे पासवान परिवार की एकजुटता के लिए भावात्मक क्षण की झलक भी। लोग भले कहें कि टूटे दिल से चाचा ने भतीजा को गले लगाया हो और राजनीतिक मजबूरी में चाचा-भतीजा गले मिले हों, जिन्‍होंने कभी अपना खून का रिश्ता कहने से परहेज किया था।

चाचा-भतीजा में खूब होती रही है जुबानी जंग

14 जून 2021 को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट हुई थी। तब से पारस और चिराग एक-दूसरे के सामने आने की बात तो दूर, मौके-बेमौके एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जरा भी परहेज नहीं करते थे। कई बार दोनों के बीच जुबानी जंग हदें पार कर जाती थीं।

अक्सर पारस यही कहते कि दल टूटता है तो जुड़ सकता है पर दिल टूटता है तो जुड़ता नहीं। वहीं, दूसरी तरफ चिराग पारस से जुड़ने के सवाल पर कहते थे- चाचा ने पीठ पर वार किया, मैं माफ नहीं करूंगा। चिराग ने तो हाजीपुर सीट पर भी अपने पिता की विरासत बताकर दांव ठोक दिया, जिससे पारस खासे बिदक गए।

वैसे दोनों के बीच राजनीतिक और पारिवारिक संबंधों में दरार उसी वक्त पड़ गई थी, जब लोजपा के पांच सांसदों को लेकर पारस ने अलग पार्टी बनाई थी। तब चिराग अकेले रह गए थे।

इस घटना ने रामविलास पासवान के परिवार-रिश्तेदार में भूचाल ला दिया था। रिश्तेदारों के दिल भी टूट थे, संबंध भी। चाचा-भतीजा की यह लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ी गई थी। फिर चुनाव आयोग के हस्तक्षेप से लोजपा दो पाटों में बंट गई। रालोजपा की कमान पारस के जिम्मे आई तो चिराग के पास लोजपा-रामविलास रही।

राज्य में सभी 40 सीटों पर राजग जीतेगी : चिराग

राजग की बैठक के बाद चिराग पासवान ने पत्रकारों से बातचीत में दावा कि बिहार में लोकसभा की सभी 40 सीटों पर राजग की जीत होगी। राजग में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे नेता रामविलास पासवान कभी कोई भी समझौता राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि सिद्धांतों के लिए किया।

चि‍राग ने कहा,

अगर हमारी पार्टी ने राजनीतिक सिद्धांतों से समझौता किया होता तो हम राजग से अलग नहीं हुए होते। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गलत नीतियों के कारण राजग से हमें अलग होना पड़ा, पर उसके बाद भी किसी दूसरे गठबंधन में नहीं गया।

मैं अपने सिद्धांतों पर खड़ा रहा, तब भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विश्वास दिलाया था कि आपका गठबंधन राजग से है न कि जदयू के साथ। मैंने तमाम फैसले अपने सिद्धांतों और विचारधारा के तहत लिये। मुझे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन मिलता रहा है। आज राजग की बैठक में शामिल हुआ और प्रधानमंत्री ने आर्शीवाद दिया। अपनी चिंताओं को भाजपा के मुखिया के सामने रखा।