बिहार में नहीं थम रहा Caste पर बवाल, JDU ने PM मोदी की जाति पर उठाया सवाल; कहा- बस इस बात का जवाब दे भाजपा
JDU Questions PM Modis Caste बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से प्रदेश की राजनीति में सबकुछ ठीक नहीं है। पहले भाजपा ने इसे लेकर जदयू पर कई सवाल दागे। यहां तक कि जदयू के ही नेताओं ने भी बिहार सरकार को इस मामले में घेरा। परंतु अब जदयू इसे लेकर हमलावर मोड में दिखाई दे रही है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर पक्ष-विपक्ष की पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं। वहीं, जाति गणना को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
बहरहाल, इसी क्रम में अब जदयू ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर सवाल उठा दिया है। प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने शनिवार को कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति के सच का खुलासा करे।
जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह बात कही। संवाददाता सम्मेलन में विधायक विजय सिंह निषाद, जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र चंद्रवंशी और बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष शिव शंकर सिंह निषाद भी मौजूद थे।
भाजपा पीएम की जाति का करे खुलासा
नीरज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने को 2019 में यूपी की एक सभा में खुद को अति पिछड़ा कहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि गुजरात में मोदी कोई जाति नहीं है, बल्कि उपनाम है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जिस जाति में पैदा हुए हैं, उस जाति का नाम मोढ़ घांची है। वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी ने मोढ़ घांची समुदाय को ओबीसी में शामिल किया।
जदयू नेताओं ने यह सवाल उठाया कि भाजपा उस अधिसूचना की प्रति जारी करे, जिसमें मोढ़ घांची को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था।
उन्होंने कहा कि जब 1931 की जनगणना में मोढ़ घांची समुदाय में शिक्षा का स्तर 40 फीसदी था, तब उसे किस आधार पर ओबीसी में शामिल किया गया?
प्रदेश जदयू कार्यालय में प्रेस वार्ता में पत्रकारों को संबोधित करते विधान पार्षद एवं मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार। फोटो- जागरण
उपेंद्र कुशवाहा की रालोजद ने निकाला राजभवन मार्च
इधर, शनिवार को जदयू से अलग होकर रालोजद पार्टी बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने अपने समर्थकों के साथ गांधी मैदान से राजभवन के लिए मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस ने उन्हें दो बार रोका।
इससे नाराज उपेंद्र कुशवाहा सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। हालांकि, बाद में वह अपने साथी कुछ नेताओं के साथ राजभवन गए और राज्यपाल को जाति आधारित गणना पर सवाल उठाते हुए ज्ञापन सौंपा। यहां पढ़ें पूरी खबर
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