Land For Job Scam: PM मोदी ने बताया पहले कैसे चलता था रेल मंत्री बनने का खेल, इशारों-इशारों में लालू को घेरा
प्रधानमंत्री मोदी ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाला को लेकर लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें नौकरी का झांसा दिया गया। रेलवे की सुरक्षा स्वच्छता सबकुछ नजरअंदाज कर दिया गया था।
पटना, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजस्थान की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद अपने वर्चुअल संबोधन में बताया कि कैसे आजादी के बाद रेलवे में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ करता था। इशारों-इशारों में पीएम मोदी ने लालू यादव पर भी जमकर निशाना साधा।
रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के घोटाला (Land For Job Scam Case) मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बिना नाम लिए कहा कि देश में राजनीतिक स्वार्थ इस कदर हावी थी कि रेलवे की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था। हालत ये थी गरीब लोगों की जमीन छीनकर उन्हें नौकरी का झांसा दिया गया।
#WATCH देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था जो सामान्य मानव के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था... हालत ये थी कि रेलवे की भर्तियों में राजनीति होती थी। ग़रीब लोगों की ज़मीन छीन कर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया:… pic.twitter.com/MsMxZLZM8X— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 12, 2023
रेलवे में हावी रहा राजनीतिक स्वार्थ
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था जो सामान्य मानव के जीवन का इतना बड़ा हिस्सा है उसे भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया था। आजादी के बाद भारत को एक बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था, लेकिन रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा।
घोषणा के बाद भी नहीं चली ट्रेन- प्रधानमंत्री
पीएम ने कहा कि राजनीति स्वार्थ पर तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा। कौन नहीं बनेगा। राजनीतिक स्वार्थ में तय होता था कि कौन सी ट्रेन किस स्टेशन पर चलेगी। इसी स्वार्थ के चलते बजट में ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणा हुई, जो कभी चली ही नहीं। रेलवे की सुरक्षा, स्वच्छता, सबकुछ नजरअंदाज कर दिया गया था। 2014 के बाद से इन सब परिस्थितियों में बदलाव आना शुरू हुआ।