'बिहार को रसातल में...', प्रशांत किशोर ने फिर साधा निशाना, राजद-जदयू और भाजपा को बताया समान रूप से जिम्मेदार
Prashant Kishor सियासी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने सोमवार को एसजे हाई स्कूल खैरवा विशुनपुर में जनसभा को संबोधित किया। जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत ने यहां एक बार फिर राजद जदयू और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लोगों से जागरूक होने और अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए वोट देने की अपील भी की।
संवाद सहयोगी, परिहार (सीतामढ़ी)। Prashant Kishor : जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर का कहना है कि बिहार को रसातल में पहुंचाने के लिए राजद-जदयू और भाजपा समान रूप से जिम्मेदार हैं। इन राजनीतिक दलों के नेताओं ने बिहार को मजदूर बनाने वाली फैक्ट्री बना दिया है।
उन्होंने कहा कि इन्हीं राजनीतिक दलों के नेताओं ने धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटने और अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम किया है। बिहार के दो करोड़ से ज्यादा लोग पलायन कर देश के दूसरे प्रदेशों में रोजी-रोटी की जुगाड़ में पलायन कर चुके हैं।
कई गांवों में की पदयात्रा और जनसभा
उक्त बातें सियासी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने परिहार प्रखंड के विभिन्न गांवों में पदयात्रा के दौरान आयोजित जन सभाओं को संबोधित करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि नेताओं के साथ-साथ बिहार के लोग भी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने कभी अपने बच्चों की पढ़ाई और उनके रोजगार को चुनाव का मुद्दा नहीं बनाया और इस नाम पर वोट नहीं डाला।
यहां के लोगों ने मोदी जी को उनके छप्पन इंच के सीने और पाकिस्तान को सबक सिखाने के नाम पर वोट दिया है तो जात के नाम पर राजद और जदयू को वोट दिया।
उन्होंने कहा कि परिणाम सामने है। यहां शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल चौपट है तो रोजगार का कोई सरकारी इंतजाम नहीं है। प्रशांत किशोर ने आम लोगों से अपने बच्चों को शिक्षित करने की अपील की।
एसजे हाई स्कूल खैरवा विशुनपुर में जनसभा को संबोधित करते प्रशांत किशोर। फोटो- जागरण
गरीबी से निकलने का एक ही रास्ता
उन्होंने कहा कि शिक्षा ही गरीबी से निकलने का पहला और महत्वपूर्ण रास्ता है। अच्छी शिक्षा पाकर ही कोई अच्छी नौकरी हासिल कर सकता है तथा अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकाल सकता है।
उन्होंने कहा कि यहां साठ फीसदी लोग भूमिहीन हैं, जिनकी रोजी-रोटी की कोई चिंता बिहार और केंद्र की सरकारों को नहीं है।
रोज यहां से मजदूरों और बेरोजगारों की फौज नौकरी की तलाश में पलायन कर रही है। क्योंकि न तो यहां कोई कल-कारखाने है और न ही पूंजी।
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मकड़जाल में फंसे लोग
गरीबी के मकड़जाल में फंसे लोगों को उससे निकलने के लिए जात-पात और धर्म-मजहब की राजनीति से बाहर निकलकर अपने और अपने बच्चों के बेहतर भविष्य का निर्माण करने के लिए व्यवस्था परिवर्तन करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि अच्छी व्यवस्था के लिए सत्ता परिवर्तन जरूरी है। उन्होंने आज एसजे हाई स्कूल खैरवा विशुनपुर स्थित जन सुराज कैंप, परसा, अमवा परसा, उर्दू मध्य विद्यालय एकडुन्डी, मसहा, परिहार उत्तरी, सहरगआमआ, धरहरवा आदि दर्जनों गांवों की पदयात्रा की और आधा दर्जन से अधिक जनसभाओं को संबोधित किया।
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