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Edible Oil की जमाखोरी पर तीन राज्यों में छापेमारी, खाद्य तेलों की मूल्‍य वृद्धि पर सरकार की है नजर

Edible Oils की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण रखने के क्रम में सरकार ने तीन राज्‍यों में खाद्य तेलों और तिलहनों की जमाखोरी करने वालों पर छापेमारी की है। जमाखोरी की वजह से Edible Oils की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है।

By Manish MishraEdited By: Updated: Wed, 13 Apr 2022 08:10 AM (IST)
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Edible Oils और Oilseeds के जमाखोरों के खिलाफ सरकार कर रही है कार्रवाई

नई दिल्ली, पीटीआइ। तिलहनों (Oilseeds) और खाद्य तेलों (Edible Oils) की जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार की टीम महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में छापेमारी कर रही है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मध्य प्रदेश के देवास, शाजापुर और गुना जिलों में छापेमारी के दौरान सोयाबीन एवं सरसों दाने की जमाखोरी का पता चला है। यहां कई कारोबारियों ने सरकार द्वारा स्वीकृत सीमा से अधिक सोयाबीन एवं सरसों का भंडारण कर रखा था। महाराष्ट्र और राजस्थान में भी निर्धारित सीमा से अधिक खाद्य तेलों के भंडारण की बात सामने आई है। इन तीन राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश, बंगाल, तेलंगाना, गुजरात और नयी दिल्ली के लिए विशेष दल भेजे गए हैं।

मंत्रालय के बयान के अनुसार तिलहन के प्रमुख उत्पादक एवं खपत वाले राज्यों में थोक एवं खुदरा विक्रेताओं और मिलों की जमाखोरी रोकने के लिए खाद्य तेलों एवं तिलहनों के भंडारण स्थलों पर औचक छापेमारी हो रही है। सोयाबीन और तिलहन के दानों की जमाखोरी से खाद्य तेलों के दाम पिछले कुछ समय के दौरान तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में राज्य सरकार को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।मंत्रालय ने कहा कि खाद्य तेलों की जमाखोरी में थोक कारोबारी और रिटेल चेन ज्यादा संलिप्त पाई गई हैं। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कारोबारियों पर कार्रवाई से इन तेलों की आपूर्ति में बाधा नहीं आए। बाकी पांच राज्यों में अभी पड़ताल जारी है।

केंद्र सरकार ने पिछले कुछ महीनों में खाद्य तेलों के दाम नियंत्रित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इसके तहत खाद्य तेलों एवं तिलहनों के सभी थोक कारोबारियों को अपने स्टाक की जानकारी देने को कहा गया है। अगर उनके पास निर्धारित सीमा से अधिक खाद्य तेल व तिलहन का भंडार है तो एक महीने के भीतर उन्हें सीमा के भीतर लाने का आदेश दिया गया है।सरकार ने सभी खाद्य तेलों एवं तिलहनों के भंडारण पर लगी सीमा इस वर्ष दिसंबर अंत तक बढ़ा दी है। खाद्य मंत्रालय का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजी परिस्थितियों समेत कई अन्य वजहों दुनियाभर में खाद्य तेलों के दाम बढ़ रहे हैं।